नबी की राह पर चलो, नमाज से ही दुनिया व अखिरत है
जागरण संवाददाता, रायबरेल : मरक•ो अहले सुन्नत मदरसा दारूल उलूम हबीबिया गुलशने र•ा जगपाल ताल के तत्वाव
जागरण संवाददाता, रायबरेल : मरक•ो अहले सुन्नत मदरसा दारूल उलूम हबीबिया गुलशने र•ा जगपाल ताल के तत्वावधान में जश्ने आमदे रसूल सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का 12 दिवसीय कार्यक्रम का सातवां जलसा मोहल्ला राजघाट, रायबरेली में कमेटी शाह अब्दुल शकूर के तत्वाधान में आयोजित हुआ। जलसे की सरपरस्ती ह•ारत मौलाना सैय्यद मो. अहमद अशरफ जीलानी, अध्यक्षता मौलाना शमशीर अहमद मिस्बाही व संरक्षता हाफि•ा अनीस अहमद कुरैशी प्रबंधक मदरसा व संचालन अलहाज हाफि•ा सुहैल अ़ख्तर र•ा खान साहब ने किया ।
शुरुआत कारी मुम्ता•ा साहब चिश्ती ने कुरआन पाक की तिलावत से किया। शायरे इस्लाम जनाब अबुल हसन नूरी कलकत्तवी, हाफि•ा गुलफाम, हाफि•ा आमिर, हाफि•ा अरशद, हाफि•ा शबाब ने बारगाहे रिसालत में नात पाक पेश किया। मुख्य मौलाना सूफी •ामिन अली साहब जगदीशपुरी ने नूरे मोहम्मदी को साबित करते हुए कहा कि आप पूरी तरह नूर थे मगर खालिक व मखूलक के बीच सम्पर्क के लिए लिबासे बशर में थे, लिहा•ा बशर कहो मगर अपना जैसा अपनी तरह न कहो कि वह नूरी हैं।
उधर एदारा ए शरैय्या खिन्नीतल्ला के नेतृत्व में सातंवा जलसा मोहल्ला अंदरुन किला में हुआ। हजरत अल्लामा अलहाज पर अब्दुल वद्दू ने इसकी अध्यक्षता की। संचालन मौलना मो. नासिर खां ने किया। मुख्य वक्ता मौलाना अहमद हबीब कौशांबी ने कहा कि शिक्षा के बिना इंसान अधूरा है। मो. शादाब, मो. मुमताज, आसिफ, मौलाना राहत, मदनी उल अशरफ, इजहार खान मौजूद रहे।