--- यहां प्रसव पीड़िता को खाट से पहुंचाया जाता है एंबुलेंस तक
डलमऊ (रायबरेली): सडकें विकास का आइना होती हैं, लेकिन आजादी के 68 साल बाद भी डलमऊ ब्लाक के नसीरपुर ग
डलमऊ (रायबरेली): सडकें विकास का आइना होती हैं, लेकिन आजादी के 68 साल बाद भी डलमऊ ब्लाक के नसीरपुर गांव तक संपर्क मार्ग नहीं है। ग्रामीणों को पगडंडियों के सहारे ही चलना पड रहा है। इनपर गांव तक सिर्फ पैदल ही जा सकते हैं। शिक्षा का स्तरमार्ग न होने से गिरता जा रहा है। गांव की 70 फीसदी आबादी बेरोजगार है। युवा गैर प्रांतों में बेगार करने को मजबूर हैं। प्रसव पीड़िताओं को अस्पताल पहुंचने के लिए एक किमी चारपाई पर लादकर ले जाना पड़ता है। चुनाव में जनप्रतिनिधि ग्रामीणों को विकास के नए-नए सपने दिखाकर उनके कोमल विचारों के साथ ठगी कर उल्लू सीधा करते हैं। जीतने के बाद गांव तक आने के लिए उनके पास समय का आभाव हो जाता है।
नसीरपुर में 2500 से अधिक आबादी निवास करती है। गांव जाने वाले रास्ते पंगडंडी जैसे हैं। प्रशासन की अनदेखी का अंदाजा तो इससे लग जाता है की इस गांव के बा¨शदे शिकायत करते हैं तो कभी भी जवाब नहीं आता और अगर आता भी है तो सकारात्मक नहीं। गांव में न तो एक भी प्राथमिक विद्यालय है और न एएनम सेंटर। बच्चों को शिक्षा के लिए 11 किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। गांव में एक पक्की नाली की सौगात मिली। इसके निर्माण में सरकारी धन के बंदर बांट के चलते यह कुछ माह में ही ध्वस्त हो गयी।
-------------------
ग्रामीणों का दर्द।
प्रसव के दौरान महिलाओं को सरकार द्वारा चलाई गई 102 एंबुलेंस सेवा का समय से लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका मुख्य कारण गांव के बदहाल रास्ते हैं। गांव से 1 किलोमीटर दूर ही एंबुलेंस पहुंचती है और गांव से प्रसव के लिए महिलाओं को चारपाई के द्वारा एंबुलेंस तक पहुंचाया जाता है।
संजय अवस्थी, ग्रामीण
कई बार पैसे खर्च कर मुख्यालय गये, अधिकारियों से आग्रह किया परंतु आज तक रास्तों को बनाने के लिए किसी ने जहमत नहीं उठाई। रास्ते बदहाल होने से बच्चों की पढ़ाई तो बाधित हो ही रही है।
प्रेमचन्द्र ग्रामीण
चुनाव में गांव तक मार्ग बनवाने का वादा करने वाले जनप्रतिनिधियों चुनाव जीतने के बाद गांव की बदहाली की ओर देखना भी मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में ग्रामीणों अगर शिकायत करें तो किससे
राम नरेश, ग्रामीण
----------------
साहब बोले
इस गांव का नाम मैं पहली बार सुन रहा हूं। गांव में विकास क्यों नही हुआ, इसकी जांच कराई जाएगी। ग्रामीणों को हर हाल में सरकारी सुविधाएं दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
छतरपाल यादव, उपजिलाधिकारी, डलमऊ