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एक्सईएन छुट्टी पर, बाकी सब चुप

रायबरेली : टेंडर के खेल में बेलदार की हत्या कर दी गई और पुलिस प्रशासन अभी तक आरोपियों को पकड़ नहीं सक

By Edited By: Published: Fri, 27 May 2016 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2016 11:23 PM (IST)
एक्सईएन छुट्टी पर, बाकी सब चुप

रायबरेली : टेंडर के खेल में बेलदार की हत्या कर दी गई और पुलिस प्रशासन अभी तक आरोपियों को पकड़ नहीं सकी है। ¨सचाई विभाग का हाल यह है कि एक्सईएन छुट्टी पर चले गए हैं। विभाग में कोई बोलने को तैयार नहीं है। विभाग में एक अजीब सा डर और सन्नाटा विभाग में पसरा हुआ है।

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शारदा सहायक खंड 45 में बुधवार को मऊ और डीह के रजबहा की सिल्ट सफाई का टेंडर पड़ा था। रात में आवास पर बाइक सवार आए और उन्होंने बेलदार राम शरण तिवारी की हत्या कर दी। आशंका है कि टेंडर पड़ने के बाद से एक्सईएन नियाज अहमद ठेका न पाने वाली पार्टियों के निशाने पर थे। गुरुवार रात में निशाने पर वहीं थे, लेकिन रात के अंधेरे और सटीक रेकी न होने से बेलदार शिकार हो गया।

इस कांड ने पूरे ¨सचाई विभाग को हिलाकर रख दिया है। शुक्रवार को कार्यालय पर एक्सईएन नियाज अहमद नहीं मिले। पता चला कि वह लखनऊ छुट्टी पर गए हैं। दूसरे कर्मचारी गुपचुप बात करते दिखे। एई भी नहीं मिले। हर चेहरे पर एक अजीब सी दहशत देखी गई। कहीं कोई सवाल न पूछ ले इसे लेकर सब बचते नजर आए। जब एक्सईएन नियाज अहमद से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। घटना के बाद से ही मोबाइल स्विच ऑफ है।

कम नहीं है टेंडर का खेल

यहां टेंडर के खेल में बड़े लोग जोर आजमाइश से भरा होता है। जिले में लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका, आरडीए, ¨सचाई विभाग, जल निगम, जिला पंचायत यह ऐसे विभाग है जो टेंडर के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। पिछले साल लोक लोक निर्माण विभाग में टेंडर को लेकर दो पक्षों में तनातनी हुई थी। मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा होने से ठंडा हो गया। बुधवार को ¨सचाई विभाग में सिल्ट सफाई को लेकर टेंडर पड़े तो इसको लेकर जोर लगा था। बताया जाता है कि जहां कहीं भी टेंडर पड़ते हैं सत्ता से जुड़े लोग अपनी ताकत लगाते हैं। इसमें कभी विरोधी तो कही सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों में बवाल होता है।

हो जाती औरैया वाली कहानी

टेंडर का खेल पूरे प्रदेश में कई जान ले चुका है। बुधवार को हमलावरों की रेकी सटीक नहीं थी। इसी कारण वह अपने मकसद में चूक गए और बेलदार राम शरण को जान गंवानी पड़ी।

¨सचाई विभाग रहा है बेलगाम

¨सचाई विभाग में ठेके में काम होता नहीं बस कमाई है। कागजों पर सिल्ट सफाई हो जाती है। इस बार टेंडर प्रक्रिया में खेल इसलिए खुलकर सामने आया, क्योंकि डीएम के तेवर सख्त दिखे। पिछले साल जब किसाने नहर में पानी ने आने से आंदोलनतर थे तो ¨सचाई विभाग के जिम्मेदार समस्या से मुंह मोड़े हुए थे उस दौरान डीएम ने रात में एक अधिकारी को घर से बुलाकर उसके पेंच कसे थे। इसके बाद ¨सचाई विभाग की कार्यशैली में कुछ परिवर्तन आया।


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