खंगाली जाने लगी बीएसए दफ्तर में पत्रावलियां
जागरण संवाददाता, रायबरेली : वर्ष 2012 में चार सहायक अध्यापकों की फर्जी नियुक्ति के मामले में बीएसए क
जागरण संवाददाता, रायबरेली : वर्ष 2012 में चार सहायक अध्यापकों की फर्जी नियुक्ति के मामले में बीएसए कार्यालय में पुरानी पत्रावलियां खंगाले जाने का सिलसिला तेज हो गया है। ऐसे में कई अन्य मामलों की कलई खुलने का अंदेशा लगाया जा रहा है। वहीं न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद भी सदर कोतवाली में दो बीएसए और लेखाधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हो सका। क्योंकि कोतवाल का कहना है कि उन्हें अभी तक न्यायालय की कोई भी प्रति प्राप्त नहीं हुई है।
मालूम हो कि सेवानिवृत्त शिक्षक सदाशिव पांडेय ने रायबरेली न्यायालय में वाद दायर किया था कि 19 मार्च 2012 को सत्येंद्र कुमार, 29 मार्च 2012 को रागिनी देवी और 17 अप्रैल 2012 को सुधीर और अजीत कुमार को गलत ढंग से सहायक अध्यापक बना दिया गया। उन्होंने दावा किया था कि पूर्व लेखाधिकारी बृजबिहारी व बीएसए राम हुजूर ने 21 दिसबंर 2011 को दो दैनिक समाचार पत्रों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति को लेकर एक विज्ञप्ति का प्रकाशन कराया गया था, लेकिन दो दिन बाद (23 दिसंबर 2011) उक्त विज्ञप्ति को निरस्त करा दिया गया था। उसी विज्ञप्ति के आधार पर चारों को सहायक अध्यापकों के पद पर नियुक्ति दे दी गई। वहीं वर्ष बीएसए रहे रामशंकर ने अशासकीय कोष से शासनादेश के विपरीत कूटरीति से वेतन भुगतान करवा दिया गया। न्यायालय को प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इफराक अहमद ने दोनों बीएसए समेत लेखाधिकारी के खिलाफ कोतवाली प्रभारी को मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। न्यायालय के आदेश पर बीएसए कार्लालय में पत्रावलियों को खंगाले जाने का सिलसिला तेज हो गया है। ऐसे में कई ओर मामलों की कलई खुलने की आशंका व्यक्त की जा रही है।