फर्जी कागजातों में बांट दिए एक करोड़ का लोन
संवाद सहयोगी, ऊंचाहार: आम आदमी को बैंक से ऋण लेने के लिए चाहे जितने पापड़ बेलने पड़ते हों, लेकिन यदि स
संवाद सहयोगी, ऊंचाहार: आम आदमी को बैंक से ऋण लेने के लिए चाहे जितने पापड़ बेलने पड़ते हों, लेकिन यदि सेंटिंग हो तो करोड़ों के लोन फर्जी कागजात पर हो सकते हैं। इसका एक उदाहरण बैंक आफ बड़ौदा की ऊंचाहार शाखा में देखने को मिला। इसमें दलालों की सांठगांठ से वाहन की खरीद के नाम एक करोड़ से ज्यादा के लोन फर्जी कागजातों बांट कर दिए गए। पैसा डूबने पर जांच कराई गई तो सारे कागजात तो फर्जी निकले ही। जिन वाहनों के लिए लोन लिये गए वह खरीदे ही नहीं गए। दो साल बाद बैंक ने दो वाहन एजेंसियों और चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है।
बीओबी की ऊंचाहार शाखा 2013 में पूरी तरह दलालों के कब्जे में थी। इस दौरान बैंक अधिकारियों से मिलकर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। इसका अब खुलासा हुआ है। कोतवाली में दी गई तहरीर में बताया गया कि बैंक द्वारा 10 अगस्त 2013 को प्रमोद कुमार निवासी अपटा मजरे इटोरा बुजुर्ग को 20 लाख रुपए का ऋण ट्रक के लिए जारी किया गया। इसके लिए राना मोटर्स इलाहबाद के नाम ड्राफ्ट जारी हुआ। 27 अगस्त 2013 को श्याम पूजन पांडेय निवासी इटोरा बुजुर्ग को बैंक द्वारा 19 लाख 80 हजार और 10 लाख के दो ऋण वाहन के लिए स्वीकृत किए गए। इसी प्रकार जय प्रकाश तिवारी निवासी दौलतपुर को 3 अक्टूबर को दो लाख रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया। इसके अलावा ऊंचाहार नगर के पुराना पेट्रोल पंप निवासी संजीव शुक्ल को 16 लाख 75 हजार रुपए वाहन ऋण और 13 लाख 25 हजार रुपए का व्यावसायिक ऋण स्वीकृत किया गया। जब इनकी किश्तें जमा नहीं हुईं तो जांच शूरू हुई तो फर्जीवाड़ा देख अधिकारियों पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। बैंक अधिकारियो का कहना है यह सारे ऋण फर्जी दस्तावेज के आधार पर लिए गए है। इसमें न तो वाहन खरीदा गया है और न कागजात सही है। मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक ने इन ऋणों के दस्तावेजो और वाहनों का सत्यापन करवाया। इसमें दो ऑटो एजेंसी राना मोटर्स इलाहबाद और ऊंचाहार की श्री राम ऑटो मोबाइल्स की भूमिका भी संदिग्ध रही है। बैंक में ऋण लेने वालो ने जो वाहनों के कागजात प्रस्तुत किए थे वो भी सत्यापन में फर्जी पाये गए है। बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक मनोज कुमार ने बताया कि सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर दी गई है। उधर बैंक विभागीय स्तर पर भी उस समय बैंक के प्रबंधक रहे विष्णु गौतम की भी भूमिका की जांच कर रही है। कोतवाल जीडी शुक्ला ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की विवेचना की जाएगी ।