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टीटीएम ने बढ़ा दी ट्रेनों की स्पीड

रायबरेली, जागरण संवाददाता : ट्रैक टेपिंग मशीन (टीटीएम) के मेल ने रायबरेली परिक्षेत्र में ट्रेनों की

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 08:19 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 08:19 PM (IST)
टीटीएम ने बढ़ा दी ट्रेनों की स्पीड

रायबरेली, जागरण संवाददाता : ट्रैक टेपिंग मशीन (टीटीएम) के मेल ने रायबरेली परिक्षेत्र में ट्रेनों की स्पीड बढ़ा दी है। क्योंकि परिक्षेत्र की पटरियां (रेलवे ट्रैक) समतल होने के कारण ट्रेनों के पहिये अब कम स्पीड में अधिक चक्कर काटते दिखते है। इसके साथ ही पटरियों में आने वाली सभी खामियों को पलक झपकते ही दुरुस्त किया जा रहा है। मंडल में रायबरेली रेलवे स्टेशन को सबसे पहले ट्रैक टेपिंग मशीन देकर नवाजा गया था।

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मालूम हो कि रायबरेली रेलवे ट्रैक का संजाल कुल 260 किमी. तक फैला हुआ है। ऐसे में जब भी ट्रैक की दिक्कतें सामने आती थी तो रेलवे कर्मियों को मौके पर भेज उसे सुधारने का कार्य कई दिनों तक किया जाता था। इसमें कई बार ट्रेनों का रूट भी बदलना पड़ता था। लेकिन टीटीएम के रायबरेली पहुंचने पर ट्रैक पर आने वाली सभी खामियों को पलक झपकते ही दूर किया जा रहा है। इतना ही नहीं रायबरेली जनपद को टीटीएम मशीन मिलने को करीब 45 दिन से ज्यादा हो चुके है। लखनऊ मंडल को मिली यह मशीन एक घंटे में करीब दो किमी. तक रेलवे ट्रैक सुधार सकती है। मशीन कंप्यूटराइज होने के कारण कर्मियों को सिर्फ बैठकर बटन दबाने पड़ते है और कुछ भी देर में ट्रैक समतल हो जाता है। टीटीएम मशीन के आने से लाइनमैन (ट्रैक मैन) का कार्य काफी कम हो गया है। ट्रैक टें¨पग मशीन के आने से पटरियों के बीच आने वाले ढीलेपन को आसानी दूर किया जा रहा है। पटरियां कसी होने से सभी ट्रेनों के पहिए कम स्पीड में अधिक दूरी तय कर रहे है। क्योंकि पटरियां समतल होने के कारण पहिए आसानी से उन पर फिसलते नजर आते है। रायबरेली में टीटीएम मशीन द्वारा लखनऊ-रायबरेली-अमेठी-प्रतापगढ़-ऊंचाहार-डलमऊ डिवीजन सेक्शन में ट्रैक को सही करने का जिम्मा दिया गया है।

स्टेशन अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि टीटीएम मशीन द्वारा पटरियों की खामियों को आसानी से दूर किया जा रहा है। इसके साथ ही कई कर्मियों का काम भी एक मशीन के दम पर कम समय में हो रहा है।


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