गांव की सड़कों का धन का इंतजार
रायबरेली, जागरण संवाददाता : केंद्र में संप्रग सरकार के रहते जिले में चल रही केंद्रीय योजनाओं के लिए
रायबरेली, जागरण संवाददाता : केंद्र में संप्रग सरकार के रहते जिले में चल रही केंद्रीय योजनाओं के लिए जिले में कभी धन की कमी नहीं रही। लेकिन सत्ता बदलते ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में धन की कमी सामने आ रही है। डिमांड के सापेक्ष धन नहीं मिल पा रहा है। इस कारण योजना में बन रही सड़कों के निर्माण पर असर पड़ रहा है।
जिले में फेज नंबर 9 व 10 चल रहा
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जिले में 2004 में संप्रग अध्यक्ष रही सांसद सोनिया गांधी के आने के बाद शुरु हुई। योजना के आठ फेज पूरे हेा चुके हैं। वर्तमान में फेज नंबर नौ व दस चल रहा है। इसमें कई सड़कें पिछले साल शुरु हुई थी, जिनका काम अब तक पूरा नहीं हुआ है।
24 सड़कों का काम है अधूरा
जिले में बन रही करीब चौबीस सड़कों का काम अधूरा पड़ा है। इसकी वजह धन की कमी बताई जा रही है। केंद्रीय योजना के निर्माण की कार्यदाई संस्था ग्रामीण विकास विभाग प्रदेश सरकार का ही एक विभाग है। इसमें कार्यरत अधिकारी कर्मचारी राज्य के हैं। इस लिए वे प्रदेश सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। इसका असर कार्यशैली पर दिख रहा है।
स्टीमेट से कम मिला धन
जिले में दोनो फेज में कुल साठ सड़कें बनाई जा रही हैं। जिनकी लंबाई एक सौ अस्सी किलोमीटर है। इसके लिए 7769 लाख रुपए की आवश्यकता है। इसके सापेक्ष अब तक 4554 लाख रुपए मिला है। लगभग इतने ही धन की आवश्कता है।
डिमांड भेजी गई
जिले में पीएमजीएसवाई का काम देख रहे ग्रामीण विकास विभाग के अधिशासी अभियंता ईशम सिंह ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए आवश्यक धन के लिए स्टेट कार्यालय को डिमांड भेजी गई है। धन की कमी है इससे निर्माण काम धीमा चल रहा है। धन आते ही एक बार तेजी आएगी।