सड़क की पटरियों पर कब्जा
रायबरेली, जागरण संवाददाता : रुतबा बरकरार हो तो कब्जा करना बहुत आसान हो जाता है। कुछ ऐसा ही काम इन दि
रायबरेली, जागरण संवाददाता : रुतबा बरकरार हो तो कब्जा करना बहुत आसान हो जाता है। कुछ ऐसा ही काम इन दिनों सड़क की पटरियों पर खुली ट्रैवलिग एजेंसियां कर रही है। सड़क की पटरियों पर बेतरतीब तरीके से कब्जा होने के बाद विभागीय अफसर महीनों से चुप्पी साधे बैठे है। हो चाहे जो भी, लेकिन बिना पंजीकरण के चलने वाली ट्रैवलिग एजेंसियां इन दिनों मनमाना रवैया बरत रही है।
दिसंबर माह में सर्दी के साथ कोहरे और धुंध की शुरूआत हो चुकी है। कोहरा अधिक होने के कारण पटरियों पर खड़े होने वाले वाहन पूरी तरह से नहीं दिखाई देते है। इस कारण अक्सर वाहन चालक हादसों का शिकार बनते दिख रहे है। एआरटीओ विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक सड़क हादसों में 183 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों का कारण रफ्तार और पटरियों पर खड़े होने वाले वाहन है। वास्तविकता है यह कि ट्रैवेल्स एजेंसियां बिना पंजीकरण के एक टंट्टर (लकड़ी के खोखे) में खुलती जा रही है। इनकी डिटेल किसी विभाग के पास नहीं है, चाहे वह एआरटीओ हो या फिर पुलिस। दूसरी ओर सड़कों की पटरियों पर बेतरतीब तरीके से कब्जा किया जा रहा है। इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे हुए है।
इस संबंध में ईओ पीएन सिंह का कहना है कि शीघ्र ही रुपरेखा तैयार कर सड़क की पटरियों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।