पढ़ाई से पहले होती 'पाठशाला' की सफाई
रायबरेली, जागरण संवाददाता : जिले के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। लेकिन कुछ ऐ
रायबरेली, जागरण संवाददाता : जिले के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। लेकिन कुछ ऐसा ही हाल विद्यालयों की साफ-सफाई का चला रहा है। विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी न होने के कारण कई बार छात्रों, रसोइयों और शिक्षकों को 'पाठशाला' की साफ-सफाई भी करनी पड़ती है। समस्याओं का पुलिंदा होने के बाद विभागीय अफसर मामूली दिक्कतों पर ध्यान नहीं दे रहे है।
जिले में प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों की संख्या 2588 हैं। कुछ परिषदीय विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी तैनात थे, लेकिन उन्हे बीएसए कार्यालय अटैच कर लिया गया था। वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती न होने के कारण पंजीकृत छात्रों, रसोइयों और शिक्षक-शिक्षिकाओं को साफ-सफाई करनी पड़ती है। विद्यालयों में साफ-सफाई होने के छात्रों के कुछ घंटे ऐसे ही निकल जाते है। दूसरी ओर कई विद्यालयों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुचारू रूप से न होने के कारण परिसर में गंदगी फैली रहती है। इन हालातों में छात्रों की पाठशाला कई बार गंदगी के बीच लग जाती है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान सरकारी स्कूलों में भी दम तोड़ता दिख रहा है।
इनकी सुनें
'स्कूल के शिक्षक और छात्र दोनों मिलकर विद्यालय की साफ-सफाई करना चाहिए। ऐसा ही हमारे स्कूल में होता है। शिक्षक साफ-सफाई में छात्रों का हाथ बंटाए तो दोनों के बीच समन्वय बनेगा और स्कूल साफ रहेगा।'
लक्ष्मीकांत शुक्ला, प्रधानाध्यापक जूनियर हाईस्कूल चकअहमदपुर, रायबरेली।
बीएसए बोले
'विद्यालय की साफ-सफाई की जिम्मेदारी शिक्षकों को सौंपी गई है। निरीक्षण के दौरान जिन विद्यालयों में गंदगी मिलती है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर जब शासन से निर्देश मिलेंगे तो भर्ती की जाएगी।'
संदीप चौधरी, बीएसए, रायबरेली।