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थानों में 'मिस' हो गई मिसिंग सेल

कुलदीप गुप्ता, रायबरेली लापता हुए बच्चों की तलाश के लिए जिले में मिसिंग सेल की स्थापना निठारी कांड

By Edited By: Published: Sat, 01 Nov 2014 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 01 Nov 2014 01:02 AM (IST)
थानों में 'मिस' हो गई मिसिंग सेल

कुलदीप गुप्ता, रायबरेली

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लापता हुए बच्चों की तलाश के लिए जिले में मिसिंग सेल की स्थापना निठारी कांड के बाद की गई थी। लेकिन मिसिंग सेल अभी तक अपने उद्देश्यों पर खरा नहीं उतर सका है। इस कारण कई मां के लाल आज तक दोबारा अपने परिजनों से नहीं मिल सके है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मिसिंग सेल सही तरीके से काम कर रहा है। जबकि गुमशुदा बच्चों की विवेचना कर रहे विवेचक ही इस कार्य में सहयोग नहीं कर रहे है। जिले में स्थापित मिसिंग सेल में एक इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल तैनात किए गए है। जिनके जिम्मे मिसिंग सेल की पूरी व्यवस्था है।

पुलिस महकमे के डीसीआरबी के अंग मिसिंग सेल को लापता बच्चों की सारी सूचनाएं एकत्र करने और अपनी सूचनाओं को लगातार अपडेट रखना है साथ ही बच्चों की तलाश के लिए तलाशगश्ती कराना है। इसके अलावा बच्चों के पोस्टर आदि छपवा कर रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और प्रमुख स्थानों पर लगवाने हैं। साथ ही सभी थानों को इन बच्चों की अपडेट सूचना समय-समय पर उपलब्ध करानी है। लेकिन रायबरेली जिले का मिसिंग सेल अब तक सूचनाएं जुटाने के अलावा लापता हुए बच्चों की तलाश के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठा पाया है। लापता बच्चों की खोज के लिए पुलिस ने अपनी ओर से बच्चों के लिए कार्य कर रही संस्थाओं को भी अपने साथ जोड़ने की कवायद नहीं की। नतीजतन सरकार के लापता बच्चों के लिए चलाए जा रहे सभी अभियान अभियान जिले में सिर्फ नाम के ही है।

तलाश में गंभीर नहीं विवेचक

जिले में लापता हुए बच्चों की तलाश में जुटे विवेचक पूरी तरह लापरवाही बरतते दिखे रहे है। क्योंकि अगर विवेचक गंभीर हो तो लापता बच्चों की खोज आसानी से हो सकती है। इतना ही नहीं पुलिस सूत्रों की माने तो विवेचक की ओर से समय से सूचनाएं तक उपलब्ध नहीं कराई जाती है। लापरवाही के कारण आंखों के तारे अपने परिजनों से कोसों दूर पहुंच जाते है।

यह है नियम

-लापता बच्चों के संबंधित विवरण के आधार पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।

-गुमशुदा बच्चों का विवरण सूचना प्रसार भारती के माध्यम से देना।

-फोटो लेकर उसे मिसिंग सेल के माध्यम से वेबसाइट पर लोड कराना।

-लापता बच्चों की तलाश के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पोस्टर चस्पा करवाना।

एक नजर लापता बच्चों पर

-28 मई को चंदन उर्फ अनिरुद्ध (12) पुत्र रत्नेश मिश्रा निवासी अमरेशपुरी निवासी किशोर स्टेडियम से हुआ लापता।

-27 अक्टूबर ऊंचाहार क्षेत्र के सरायहरदो गांव निवासी मनीता देवी (18) हुई लापता।

-14 अक्टूबर को भदोखर थाना क्षेत्र के पूरे बेनी प्रसाद गांव से रंजीत कुमार (14) से लापता।

-29 अक्टूबर को सदर कोतवाली के खाली सहाट मोहल्ला निवासी ईमामुद्दीन (15) लापता।

- 28 अक्टूबर को नसीराबाद थाना क्षेत्र के पूरे मुराइन गांव 13 वर्षीय किशोरी हुई लापता।

-25 अक्टूबर को सदर कोतवाली क्षेत्र निवासी रामकौर लापता है।

इनकी सुनें

'लापता हुए बच्चों की तलाश के लिए टीमें लगी हुई है। मिसिंग सेल के प्रभारी समेत अन्य लोगों को निर्देश दिए गए है कि सभी विवेचनाओं पर ध्यान दें। हाल में कुछ लापता बच्चे की तलाश कर परिजनों को सौंपा गया है।-एन. कोलांची, एसपी, रायबरेली।


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