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संजीवनी मिली तो शीतल होंगे तालाब

विमल पाण्डेय, रायबरेली : कभी घूर के दिन भी बहुरते हैं इस कहावत पर अब गंाव की मिट्टी में भूजल को स

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 06:49 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 06:49 PM (IST)
संजीवनी मिली तो शीतल होंगे तालाब

विमल पाण्डेय, रायबरेली : कभी घूर के दिन भी बहुरते हैं इस कहावत पर अब गंाव की मिट्टी में भूजल को संरक्षण देने वाले गंवई सरकारी तालाबों के दिन भी बहुंरेगे । प्रदेश के हर जिले में गंाव के पट रहे पुराने तालाबों को अब सरकार संरक्षित करने का नया प्रयोग करने जा रही हैं। अपने अस्तित्व की तलाश करने वाले बाबा- आदम के जमाने के इन तालाबों को फिर से खुदवाया जाएगा । पहले चरण में ऐसे स्थानों में इन तालाबों का कायाकल्प होगा जहां भूजल की स्थिति दिनों - दिनों गिरती जा रही है । इसके लिए प्रदेश के हर जिले से लगभग बीस से तीस तालाब चिन्हित किए जाएगें । प्रदेश सरकार ने यह कदम भूजल के गिरते स्तर को देखने के बाद उठाया है ।

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प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी तालाबों की मौजूदा स्थिति अच्छी नही है। हालात यह हैं कि इन तालाबों को पूरी तरह से पाटा जा रहा है। चालीस फीसदी से अधिक तालाबों का तो अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। भूजल संरक्षण के कभी गंवई गंावों में किए गए प्रयासों पर भी पानी फेर गया है। भूजल के गहराए संकट के बाद प्रदेश सरकार ने हर जिले में पट रहे सरकारी तालाबों के कायाकल्प करने का वीणा उठाया है।

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प्रदेश सरकार ने क्या बनाई है भू्रजल स्रोतों की नई तैयारी

अधिशाषी निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किए गए शासनादेश के अनुसार प्रदेश हर जिले में पट रहे सरकारी तालाबों को फिर से खुदवाया जाएगा । हर जिले में ऐसे ब्लाक चिन्हित किए जाएगें जहां भूजल स्रोत कमजोर हो रहा है। प्रथम कड़ी में डार्क जोन के ब्लाकों में पटे हुए तालाबों को पुन: पुर्नजीवित किया जाएगा ।

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ऐसे मिलेगा सरकारी तलाबों को संबर्धन

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अंर्तगत सस्टेनबिलटी मद अंर्तगत प्रदेश के हर गंाव में सरकारी ऐसे तालाब चिन्हित होगें जो पट रहें हैं या पूरी तरह से अपने अस्तित्व को संघर्ष कर रहें हैं उसके बाद ऐसे ब्लाक चिन्हित किए जाएगें जहां भूजल की स्थिति दिनो दिनों कम हो रही है । एक तालाब को भूजल के बेहतर संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार अधिकतम नौ लाख रुपए तक खर्च करेगी। हर जिले में इस मद के लिए अधिकतम दो करोड़ से पांच करोड़ रुपए तक भूजल संरक्षण के लिए कार्ययोजना के साथ खर्च किए जाएगें ।

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-प्रदेश सरकार ने मांगी है गंावों के सरकारी तालाबों की सूची

प्रदेश सरकार ने हर जिले में प्रशासनिक अमले से सरकारी तालाबों की सूची 27 अक्टूबर तक मांगी है। माना जा रहा है कि भूजल संरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार की गंभीरता के बाद जिलों में प्रशासनिक अमला भी गंभीर दिखेगी । इस प्रोजक्ट के बाद प्रदेश के हर जिले की मानीटिरिंग भी कराई जाएगी । भूजल संरक्षण को जिलेवार मापा भी जाएगा ।

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साहब बोले -

नए शासनादेश के अनुपालन में कार्य कराया जाएगा । भूजल संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार की यह अच्छी पहल है । आम लोगों को भी भूजल संरक्षण के लिए प्रेरित करने का यह बेहतर उपक्रम तैयार होगा

महेंद्र कुमार जिलाधिकारी

रायबरेली


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