दो वन कर्मी सस्पेंड, जांच शुरू
रायबरेली, जागरण संवाददाता : एक ओर वन विभाग के अधिकारी जिले को हराभरा बनाने की कवायद में जुटे है। दूसरी ओर विकास क्षेत्रों में तैनात वन रक्षक वन माफियाओं की सांठगांठ से हरियाली को उजाड़ने में आमदा है। हाल में ही विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए दो वन रक्षकों को सस्पेंड कर दिया तो अवैध कटान के मामले में दो कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है। मामले की जांच डीएफओ ने एसडीओ को सौंपी है।
गदागंज थाना क्षेत्र के भगवंतपुर चंदनिया गांव में बीते चार दिनों से वन रक्षक सतगुरू ठेकेदार सत्यदेव निवासी उसरी को सय दे कर हरे पेड़ों की कटान कराने में जुटा था। मामले की जानकारी डलमऊ रेंज अफसर वीके सक्सेना, वन रक्षक और क्षेत्रीय पुलिस को देने के बाद कोई कदम नहीं उठाया गया। सोमवार को हो रही पेड़ों की कटान के दौरान एक भानू (18) पर डाल गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई। मामले सूचना मिलते ही डीएफओ ओपी सिंह ने फौरन डलमऊ रेंज अफसर वीके सक्सेना को गदागंज थाने में सत्यदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और अवैध कटान की रिपोर्ट कार्यालय भेजने को कहा। जैसे की कटान की रिपोर्ट कार्यालय पहुंची। उसे देखने के बाद डीएफओ ने फौरन गदागंज के वन रक्षक सतगुरु को निलंबित कर दिया और रेंज अफसर से स्पष्टीकरण मांग लिया।
एक अन्य मामले में हरचंदपुर के गांव खिरिजपुर करौंदी में वन माफिया ने 11 महुआ के पेड़ों को रातों-रात काट डाला गया। मामले की सूचना पर सदर रेंज अफसर डीके सिंह से रिपोर्ट मांगी गई। रिपोर्ट के आधार पर वन रक्षक विजय शंकर शुक्ला दोषी पाए गए। इस पर डीएफओ ने उन्हें भी सस्पेंड कर दिया। साथ ही हरचंदपुर के वन दारोगा भगवती प्रसाद से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
डीएफओ ओपी सिंह ने बताया कि डलमऊ रेंज अफसर और हरचंदपुर के वन दारोगा से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामले की जांच उप प्रभागीय वन अधिकारी (एसडीओ) उमाशंकर दोहरे को सौंपी गई है। जांच में दोषी मिलने पर अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गदागंज एसओ ने बताया कि शीघ्र ही अवैध कटान कराने वाले सत्यदेव को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।