'पानी लेने आए हैं पानी लेकर जाएंगे'
लालगंज, संवाद सहयोगी : पानी लेने आए हैं पानी लेकर जाएंगे जैसे नारों के साथ भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले धरना-प्रदर्शन हुआ। सिर पर हरी टोपिया और हाथों में लाठिया लिए भारी संख्या मे महिला-पुरुष किसान साधन सहकारी समिति चादा के परिसर में बुधवार से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं।
इनकी माग है कि जब तक नहरों में पानी नही आएगा और चादा गाव के 45 बीघे तालाब पर अवैध रूप से कब्जा नही हटवाया जाएगा उनका धरना-प्रदर्शन चलता रहेगा। धरने को संबोधित करते हुए भाकियू अराजनैतिक के ब्लाक अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह ने कहा कि अधिकारी नहरो की सफाई के लिए आने वाले धन का बंदर-बाट कर लेते हैं। मंडल महासचिव राम बहादुर यादव ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो आंदोलन को और तेज करने के लिए जिले के किसानों को एकत्र किया जाएगा। जिला उपाध्यक्ष राम प्रसाद ने कहा कि किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। बैठक के दौरान महादेव, रीता सिंह, ज्ञानवती, जनक दुलारी, अंबिका प्रसाद, उदयभान, राममनोहर पाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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दो दशक से नहीं दिखा नहरों में पानी
लालगंज, संवाद सहयोगी : बीते बीस साल से अधिक समय से नहरों में धूल उड़ रही है। ग्राम निहस्था, सातनपुर, मुबारकपुर, कुम्हड़ौरा,आलमपुर आदि गावों में नहरों में कब से पानी नही आया अब तो किसानों को भी याद नही। हर साल केवल नहरों की सफाई के नाम पर खानापूरी कर धन का बंदरबांट हो रहा है।
कुम्हड़ौरा गंाव निवासी प्रगतिशील किसान रमेश ंिसह कहते हैं कि प्रमुख सचिव से शिकायत पर जाच टीम आई थी। जाच करके चली गई लेकिन पानी अब भी नही मिल सका। चादा गाव निवासी योगेन्द्र सिंह कहते हैं कि कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया लेकिन नतीजा हर बार आश्वासन तक ही सीमित रहा। नहरों में पानी के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। पूरे राना निवासिनी जनक दुलारी कहती है कि खेती और फसल दोनों सूख रही हैं। नहर का अस्तित्व ही समाप्त होता जा रहा है। ग्राम पूरे रजऊ मजरे बेलहनी निवासी शीतलदीन कहते हैं कि कई दशक हो गए नहरों में पानी के दर्शन नही हुए और अब लगता है कि शायद होंगे भी नही।