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नोटबंदी ने बिजली विभाग को किया मालामाल

प्रतापगढ़ : केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी से भले ही लोगों को लाइन में लगना पड़ा, पर बिजली व

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 10:27 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 10:27 PM (IST)
नोटबंदी ने बिजली विभाग को किया मालामाल
नोटबंदी ने बिजली विभाग को किया मालामाल

प्रतापगढ़ : केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी से भले ही लोगों को लाइन में लगना पड़ा, पर बिजली विभाग तो मालामाल हो गया। पुराने नोट कुछ समय तक स्वीकार करने की सुविधा देने से वह करोड़ों में खेलने लगा। यह उपलब्धि उसे बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के मिल गई। बिजली विभाग हमेशा बकाएदारों से जूझता रहा है। लोग बिजली का उपभोग तो जमकर करते हैं, पर बिल चुकाने में रुचि नहीं लेते। ऐसा केवल आम उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि सरकारी महकमे भी करते हैं। बकाए की वसूली के लिए विभाग को शासन की फटकार सुननी पड़ती है। यही नहीं चे¨कग अभियान चलाना पड़ता है व कैंप लगाने पड़ते हैं। इस समस्या को नोटबंदी के एक झटके में काफी हद तक दूर कर दिया। आठ नवंबर को मोदी सरकार ने 1000 व 500 के पुराने नोट प्रचलन से बाहर कर दिए। केवल कुछ सरकारी विभागों में इसे लेने की छूट दी। इसमें बिजली विभाग भी रहा। इसने 10 दिसंबर से अतिरिक्त काउंटर खोलकर बिजली के बिल के रूप में बकाया जाम कराना शुरू कर दिया। इसके बाद वह अमीर होता गया। लोग पुराने नोट से छुटकारा पाने को बिल जमा करने लगे। ऐसे-ऐसे बकाए बिल का भुगतान हो गया जिन्हे काफी हद तक लगभग डूबा हुआ माना जा चुका था। दस-दस साल का बकाया एक झटके में लोग जमा कर गए। महज एक महीने में विभाग को 12 करोड़ रुपये मिल गए। अब तक बिजली की खपत के अनुपात में वसूली आधी होती थी। वह भी बहुत पसीना बहाने के बाद लेकिन नोटबंदी ने बड़ा फायदा करा दिया। अधिशाषी अभियंता प्रथम एसपी मिश्र व द्वितीय ओपी मिश्र बताते हैं कि खंड प्रथम में सात करोड़ रुपये व द्वितीय में लगभग पांच करोड़ रुपये जमा हुए हैं।

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