माता-पिता का सम्मान संतान का धर्म
प्रतापगढ़ : माता-पिता का सम्मान, सेवा करके हम उन पर कोई उपकार नहीं करते। यह हमारा कर्तव्य व नैतिक धर
प्रतापगढ़ : माता-पिता का सम्मान, सेवा करके हम उन पर कोई उपकार नहीं करते। यह हमारा कर्तव्य व नैतिक धर्म भी है। अगर मां दुखी है तो तीर्थयात्रा करने से भगवान खुश नहीं होंगे। यह बात सृजना कुटीर अजीत नगर में सोमवार को माता शांति देवी की स्मृति में आयोजित शांति सामाजिक सद्भावना समारोह के अध्यक्ष डा. दयाराम मौर्य रत्न ने कही। 'आधुनिक परिवारों में माता-पिता की दशा' विषय पर मुख्य अतिथि श्रीकिशोर अग्रवाल ने कहा कि माता में अभूतपूर्व धैर्य होता है। अगर संतान उनको खुशी न दे सके तो उनका जीवन व्यर्थ है। आयोजक समाजसेवी रोशन लाल ऊमरवैश्य रहे। उन्होंने बताया कि आचार संहिता के कारण इस बार शांति सद्भावना सम्मान नहीं प्रदान किया गया। समारोह में पं. आलोक मिश्र, आनंद मोहन ओझा, आदर्श ऊमरवैश्य, आनंद ओझा, राम सूरत पांडेय भावुक आदि ने भी विचार रखे। संचालन आरएन पुष्पजीवी ने किया।