Move to Jagran APP

लीड--बहरे कानों तक बात पहुंचाने सड़क पर उतरे बच्चे

-बाबूगंज-चन्द्रिकन मार्ग का मामला- -बच्चों ने निकाला जुलूस, विधायक के खिलाफ लगाए नारे -व्यापा

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 07:34 PM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 07:34 PM (IST)
लीड--बहरे कानों तक बात पहुंचाने सड़क पर उतरे बच्चे

-बाबूगंज-चन्द्रिकन मार्ग का मामला-

loksabha election banner

-बच्चों ने निकाला जुलूस, विधायक के खिलाफ लगाए नारे

-व्यापारियों ने बंद रखी बाबूगंज, किशुनगंज बाजार, हाइवे किया जाम

फोटो 27 पीआरटी- 11,12,13,14, 15, 16

सड़वा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : सात साल से जर्जर हो चुके बाबूगंज-चंद्रिकन मार्ग को ठीक कराने की मांग को लेकर शनिवार को स्कूली बच्चों ने प्रदर्शन किया। बीआरसी केंद्र पर इकट्ठा हुए छात्र-छात्राएं अभिभावक, व्यापारी आदि ने सभा करके शासन व प्रशासन के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। इस दौरान क्षेत्रीय सांसद व विधायक के खिलाफ नारे लगाए गए। इसके बाद बच्चों ने बाबूगंज बाजार में जुलूस निकाला और बाबूगंज चौराहे पर पहुंचकर चक्काजाम कर दिया। तहसीलदार चन्द्रेश बहादुर ¨सह ने किसी तरह लोगों को समझा कर जाम समाप्त कराया।

गौरतलब है कि बाबूगंज-चंद्रिकन मार्ग की सात साल से मरम्मत भी नहीं हुई है। सड़क एकदम जर्जर हो चुकी है। आए दिन जर्जर सड़क पर स्कूल आते-जाते समय बच्चे गिरकर चोटिल हो रहे हैं। उनकी ड्रेस व किताब कीचड़ में सन जाती है। सड़क की बदहाली झेल रहे स्कूली बच्चों व क्षेत्रीय लोगों का सब्र शनिवार को जवाब दे गया। इस समस्या को लेकर सीबीएस एकेडमी बाबूगंज, एनआरएस पब्लिक स्कूल अंतू, सरस्वती विद्या मंदिर अंतू, सरस्वती विद्या निकेतन बाबूगंज, ज्योति बालिका इंटर कालेज किशुनगंज, चंडिका इंटर मीडिएट कालेज चंद्रिकन, कृष्णपाल ¨सह इंटर कालेज अर्जनपुर, यशोदानंदन हरिवंश महाविद्यालय तारनपुर के सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपने अध्यापकों व अभिभावकों के साथ बाबूगंज बीआरसी केंद्र पर इकट्ठा हुए। यहां बच्चों ने सभी व शासन-प्रशासन से जर्जर हो चुके मार्ग को ठीक कराने व बचपन बचाए जाने की गुहार लगाई।

बच्चों ने कहा कि सात साल से यह सड़क सता रही है। गड्ढों में गिरने से चोट लग रही है। किताब व ड्रेस खराब हो जा रही है। साइकिल खराब हो जाती है। पैदल स्कूल जाने पर जूतों में पानी भर जाता है। पैरों में चुभन होती है, लेकिन सरकार इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है।

इसके बाद बच्चे बाबूगंज बाजार होते हुए पेट्रोल पंप तक गए। वहां से लौट कर बाबूगंज चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक, सांसद व शासन, प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए गए। बच्चों द्वारा जाम लगाने की सूचना पर एसओ प्रभात कुमार यादव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बच्चों ने डीएम को मौके पर बुलाने की मांग की। एसओ ने इसकी सूचना मोबाइल से डीएम को दी तो भाग कर तहसीलदार सदर चंद्रेश बहादुर ¨सह भी मौके पर पहुंच गए।

इसके बाद बच्चों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। तब कहीं जाकर चार घंटे बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ। इस दौरान बाबूगंज व किशुनगंज के व्यापारियों ने पूरी तरह से अपनी दुकानें बंद रखी। प्रदर्शन में स्कूल के बच्चों के साथ दिलीप ¨सह, सभासद बीडी ¨सह, राजेश ¨सह, हीरेंद्र बहादुर ¨सह, अजय ¨सह, आरती ¨सह, जेपी मिश्रा, विपिन मिश्रा, रजवंत ¨सह, संजय ¨सह, रामू ¨सह, अशर्फी लाल गुप्ता, अशोक कौशल, आलोक दुबे, रमा शंकर बरनवाल, त्रिभुवन बरनवाल, राम लखन मौर्य, चंद्रभान गुप्ता, शिव कुमार जायसवाल, राम अकबाल ¨सह, सहित सैकडों अभिभावक समाजसेवी, व्यापारी मौजूद रहे।

---------------

..यूं ही सड़क पर नहीं उतरे बच्चे व व्यापारी

सड़वा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : जिन हाथों में किताब होनी चाहिए, उन हाथों में शनिवार को डंडा व झंडा था। बच्चे यूं ही सड़क पर उतरने को मजबूर नहीं हुए हैं। बच्चे अपना सात साल का दर्द प्रकट कर रहे थे।

बाबूगंज-चंद्रिकन मार्ग सात साल से जर्जर पड़ा है। मार्ग तालाब का स्वरूप ले चुका है। प्रतिदिन मार्ग पर दुर्घटनाएं हो रही हैं। गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाते समय यह भय बना रहता है कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। व्यापारियों का व्यवसाय पूरी तरह से चौपट तो हो ही गया है। साथ ही यह लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए हैं। सड़क का कीचड़ इनके आंगन तक पहुंच रहा है। इस सड़क पर ब्लाक अस्पताल सहित आधा दर्जन सरकारी कार्यालय, दर्जनों शिक्षण संस्थाएं व पौराणिक धाम चंद्रिका देवी मंदिर है। बावजूद इसके इस सड़क को प्रशासन ठीक नहीं करा सका। इन्हीं समस्याओं को लेकर छात्र व व्यापारी सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए।

----------

राजनैतिक दांवपेंच का शिकार हुआ संपर्क मार्ग

जनप्रतिनिधियों ने वोट न मिलने का आरोप लगा पैरवी से किया इंकार

सड़वा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : ऐसा नहीं है कि बाबूगंज-चंद्रिकन मार्ग को ठीक कराने के लिए शासन व प्रशासन के पास बजट का अभाव है। बजट भी है लोक निर्माण विभाग द्वारा एक नहीं चार बार इसे ठीक कराए जाने का एस्टीमेट शासन को भेजा गया लेकिन शासन में पैरवी के अभाव में सड़क निर्माण की स्वीकृति नहीं मिल सकी। दरअसल इस सड़क को ठीक कराने के लिए सांसद व विधायक में नूरा कुश्ती चल रही है। सांसद इसे जहां विधायक का कार्य बता रहे हैं, तो विधायक कहते हैं कि सड़क बनवाए सपा सरकार, चुनाव में वोट मिले अपना दल को। यह बयान दोनों लोगों का सार्वजनिक मंच से आ चुका है। वहीं खुद को विकास पुरुष कहलाने वाले एक पूर्व विधायक व वर्तमान सांसद ने भी सड़क दुरुस्त कराने से इंकार कर दिया था। उन्होंने भी कहा था कि जब वहां पार्टी का विधायक होगा तब सड़क बनवाई जाएगी।

--------------------

विरोध की शुरुआत होते ही गिरने लगी गिट्टी

सड़वा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : सड़क बनवाने के लिए लोगों का विरोध होते ही लोक निर्माण विभाग द्वारा गिट्टी गिराई जा रही है। इधर लोगों का विरोध चल रहा था, दूसरी तरफ सड़क के गड्ढों को पाटने के लिए चार ट्रक गिट्टी गिराई गई। वैसे इतनी गिट्टी इस सड़क पर ऊंट के मुंह में जीरा जैसी साबित होगी। बावजूद इसके विभाग गिट्टी गिरा कर प्रदर्शन को समाप्त कराने के प्रयास में लगा रहा। इस बार छात्र व व्यापारी दो चार ट्रक गिट्टी नहीं बल्कि पूरी सड़क को मरम्मत कराने तक अपना आंदोलन जारी रखने की तैयारी में हैं। इस बाबत पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता डीपी दुबे ने बताया है कि सड़क को ठीक कराए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलने तक सड़क को गड्ढा मुक्त करके चलने लायक बनाने की कोशिश की जा रही है।

--गर्मी में बेहाल हुए बच्चे

संडवा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : सड़क की मांग को लेकर सड़क पर उतरे बच्चे गर्मी में बेहाल हो गए। इन्हें घंटो भूख व प्यास से रहना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान बाजार में हैंडपंप दिखने पर बच्चे पानी पीने के लिए टूट पड़े। इसके बाद आंदोलन समाप्त होने पर चौराहे पर बच्चों को लड्डू के साथ पानी दिया गया। तब बच्चों ने राहत महसूस की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.