एक किसान को अधिकतम पांच बोरी गेहूं का बीज
प्रतापगढ़ : इस बार किसानों को अधिकतम 5 बोरी गेहूं का बीज अनुदान पर दिया जा रहा है। यह दो हेक्टेयर मे
प्रतापगढ़ : इस बार किसानों को अधिकतम 5 बोरी गेहूं का बीज अनुदान पर दिया जा रहा है। यह दो हेक्टेयर में बोने के लिए ही पर्याप्त है। यदि इससे अधिक गेहूं की बुवाई करनी है तो बाजार से बीज लेना पड़ेगा। कृषि विभाग द्वारा तय किए गए मानक के अनुसार डेढ़ बीघे में एक बोरी तथा तीन बीघे 4 बिस्वा में दो बोरी व अधिकतम 5 बोरी गेहूं का बीज एक किसान को दिया जा रहा है। इस बीज पर किसानों को दिया जाने वाला अनुदान सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा। अनुदान के लिए किसानों का कृषि विभाग में पंजीकृत होना अनिवार्य किया गया है।
बताते चलें कि बेल्हा में गेहूं के आच्छादन का लक्ष्य 1 लाख 39 हजार 315 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। गेहूं का बीज 30 रुपये प्रति किग्रा की दर से दिया जा रहा है। इसमें एक किग्रा पर 14 रुपये अनुदान दिया जा रहा है। यह किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा। यहां चार प्रकार के गेहूं के बीज कृषि गोदामों व साधन सहकारी समितियों में उपलब्ध है। इनमें पीवीडब्लू-17, एचडी-2987, डीवीडब्लू-621-50 व पीवी डब्लू 550 शामिल हैं। मंगलवार को जनपद मुख्यालय पर स्थित बीज गोदाम से गेहूं का बीज लेने के लिए किसान पहुंचे। गोदाम प्रभारी हर्षवर्धन ने बताया कि 52 किसानों को 68 बोरी गेहूं का बीज वितरित किया गया। जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र ¨सह ने बताया कि इस बार एक किसान को अधिकतम पांच बोरी गेहूं का बीज ही देने का निर्देश हैं।
किसानों को धान का बीज लेने के लिए बीज भंडार अथवा साधन सहकारी समितियों में तीन चीजें लेकर जानी होंगी। किसानों को खतौनी, बैंक पासबुक तथा एक पहचानपत्र लेकर जाने पर गेहूं का बीज दे दिया जाएगा। इन्हीं तीनों की आवश्यकता पंजीकरण कराने में भी पड़ती है।
बेल्हा में कृषि विभाग द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष महज 30.35 फीसदी किसानों ने ही अब तक विभाग में पंजीकरण कराया है। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि जिले में कुल चार लाख 80 हजार किसान हैं। कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष 1 लाख 12 हजार किसानों का पंजीकरण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें अब तक मात्र 34 हजार किसानों ने ही पंजीकरण कराया है। शासन द्वारा ब्लाकों में किसानों का पंजीकरण करने के लिए 17 कर्मचारियों की तैनाती यहां की है। इनमें से मात्र 7 कर्मचारी यहां आए और चीन कर्मचारी बिना योगदान दिए ही लौट गए। जो चार कर्मचारी बचे हैं उन्हें न तो लैपटाप दिया गया है और न ही इंटरनेट चलाने की सुविधा। ऐसे में उन्हें पंजीकरण का कार्य करने में परेशानी हो रही है। पूरे कर्मचारी न आने पंजीकरण का कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है। जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र ¨सह ने बताया कि शासन द्वारा तैनात किए गए कर्मचारी न पहुंचने से पंजीकरण सभी ब्लाकों में नहीं हो पा रहा है।
कृषि विभाग द्वारा योजनाओं का लाभ देने के उद्देश्य से किसानों के पंजीकरण कराने की तिथि बढ़ा दी गई है। अब तीस नवंबर तक किसान अपना पंजीकरण करा सकते हैं। गेहूं के बीज वितरण की अंतिम तिथि 15 दिसंबर तक निर्धारित की गई है। यह जानकारी उप कृषि निदेशक एक विश्नोई ने दी।