हादसे से घंटों दशहत में रहे स्कूली बच्चे
प्रतापगढ़ : गुजवर कोरहता गांव के पास अनियंत्रित बस पलटने के घंटों बाद तक छात्र छात्राएं दहशत में रहे
प्रतापगढ़ : गुजवर कोरहता गांव के पास अनियंत्रित बस पलटने के घंटों बाद तक छात्र छात्राएं दहशत में रहें। संयोग रहा कि बस की रफ्तार तेज नहीं थी, नहीं तो हादसा और बड़ा हो सकता था।
गुजवर गांव से सुबह लगभग सवा सात बजे स्कूली बच्चों व अन्य सवारियों को लेकर जा रही बस अनियंत्रित होकर जैसे ही सड़क के किनारे खाई में पलटी, यात्रियों व छात्र छात्राओं की चीख पुकार से इलाका दहल गया। अपनी आंखों के सामने मौत से साक्षात्कार होते देख स्कूल जा रहे बच्चे सहम गए। घटना के करीब एक घंटे तक छात्र छात्राओं के मुंह से कुछ शब्द निकल नहीं पा रहा था। परिजन बच्चों का हाल देख चि¨तत थे। बच्चों का प्राथमिक उपचार कराने के बाद परिजन उन्हें अपने साथ घर ले गए।
हादसे की जानकारी होते ही लोग दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद क्षतिग्रस्त बस से सभी को बाहर निकाला और वाहनों से बाबागंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाना शुरू कर दिया। एसओ महेशगंज निशीकांत राय ने भी घायलों को ग्रामीणों की मदद से बाबागंज पीएचसी के साथ ही सीएचसी कुंडा मे भर्ती कराया।
स्थानीय विकास खंड मुख्यालय से महज एक किलो मीटर दूर गुजवर कोहरता गांव के पास हुए हादसे के बाद जब लोगों ने समाजवादी एंबुलेंस के लिए फोन किया तो कभी नंबर व्यस्त बताता रहा तो कभी फोन नहीं उठा। करीब पौन घंटे बाद समाजवादी एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची और बचे घायलों को कुंडा सीएचसी ले गई।
महेशगंज के कोहरता गांव के पास मंगलवार सुबह सवारियों व छात्र-छात्राओं से भरी बस पलटने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। बताया गया कि उक्त बस हीरागंज के एक व्यक्ति की है। इस पर वह स्वयं परिचालक का काम करते हैं और प्रतिदिन बस के साथ इलाहाबाद आते जाते है। सुबह हीरागंज से बस पर चालक व बस मालिक चढ़ते हैं और शाम को उतर जाते है। हीरागंज से क्लीनर राजू बस लेकर गुजवर जाता है। मंगलवार को भी बस राजू ही चला रहा था। वह काफी तेज व अनियंत्रित बस चला रहा था। कई बार सवारियों ने उसे टोका, लेकिन वह बस को अपनी ही रफ्तार से चला रहा था। बस अनियंत्रित होकर गुजवर कोरहता गांव के पास सड़क के किनारे पलट गई। बस मे बैठे लोगों का मानना है कि अगर चालक बस को चला रहा होता हो यह हादसा न होता। कुछ लोगो ने का कहना था कि खलासी शराब के नशे में था। वह बस लेकर पूरी सड़क पर इधर उधर चला रहा था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बाबागंज -इलाहाबाद मार्ग पर बस पलटने की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी जुलाई 2014 में प्रयाग पब्लिक स्कूल की बस अनियंत्रित होकर पलट गई थी। इसमें दर्जनों छात्र-छात्राएं घायल हुए थे। उस समय भी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने चालक पर लापरवाही से बस चलाने का आरोप लगाया था। मार्ग पर चलने वाले डग्गामार वाहनों के चालक अप्रशिक्षित है जो क्षमता से ज्यादा सवारियों को बस में बैठा लेते है और सवारियों को उनके गंतव्य तब पहुंचाने का वादा करते है। लेकिन उन्हें क्या पता है कि जिस बस पर वह सफर करने जा रहे है। उसकी क्षमता महज कुछ सवारियों को लेकर चलने की है ऐसे में जहां भी सड़क पर छिटपुट गड्ढे है, वही बस अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे पलट जाती है।
हादसे की एफआइआर लिखने के लिए पुलिस को घायलों की तहरीर का इंतजार है। एसओ निशीकांत राय का कहना है कि बस को कब्जे में ले लिया गया है। तहरीर मिलते ही बस चालक के खिलाफ मुकदमा लिखकर कार्रवाई की जाएगी।
पूरे जिले में फर्राटा भर रहे अनफिट वाहन रोजाना मौत को दावत दे रहे हैं। यह यात्रियों की किस्मत है कि हादसे से बचते आ रहे हैं। मंगलवार को वही हुआ, जिसका डर था। वह तो गनीमत थी कि बस की रफ्तार तेज नहीं थी अन्यथा हादसा और भीषण हो सकता था।
जिला व तहसील मुख्यालयों के साथ ही कस्बों, देहात इलाकों से सैकड़ों डग्गामार वाहन जनपद की सीमा के अलावा इलाहाबाद, जौनपुर, सुल्तानपुर, रायबरेली, अमेठी तक फर्राटा भरते हैं। इनमें से देखा जाए तो अधिकांश बसें अनफिट हैं। ज्यादातर बसें निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी ढोती है। बसों की हालत यह है कि उस पर चढ़ते उतरते समय कपड़े फट जाते हैं। इसके बाद भी एआरटीओ दफ्तर से बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। इन बसों पर सफर करना खुद को मौत को दावत देना है, लेकिन मजबूरी है इन्हीं बसों पर सफर करना।