पानी में डूबकर हुई थी बच्चे की मौत
प्रतापगढ़ : नहर में मिले चार महीने के बच्चे के शव का मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद उलझता नज
प्रतापगढ़ : नहर में मिले चार महीने के बच्चे के शव का मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद उलझता नजर आ रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पानी में डूब कर बच्चे की मौत हुई थी। बच्चे के पिता ने मां पर ही बच्चे की हत्या का शक जताया है। दोनो के बीच पिछले तीन चार महीनों से अनबन चल रही है। पति को बताए बगैर हफ्ते भर पहले पत्नी मायके चली गई थी। पुलिस भी बच्चे की मां द्वारा बताई जा रही शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाके चौक से दिनदहाड़े बच्चा छीनने की बात पुलिस के गले के नीचे नहीं उतर रही है। पुलिस फिलहाल पूछताछ में जुटी है।
गौरतलब है कि नगर कोतवाली क्षेत्र के सरायबहेलिया गांव में स्थित नहर में मंगलवार को दोपहर के वक्त एक चार पांच महीने के बच्चे का शव मिला था। उसके चेहरे को कपड़े से बांध दिया गया था। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले ले लिया था। पुलिस शव को लावारिस में दाखिल करने जा रही थी। तभी अचानक शाम लगभग चार बजे रानीगंज थाना क्षेत्र के आमापुर बोर्रा गांव निवासी सुबोध पांडेय की पत्नी सुमन अपने भाई विजय व मायके कांधरपुर के प्रह्लंाद तिवारी आदि के साथ कोतवाली पहुंची और बताया कि आज उसका बच्चा छीन कर कुछ नकाबपोश भाग गए हैं।
कोतवाल ने सुमन व उसके साथ आए लोगों को भुपियामऊ पुलिस चौकी पर भेजा तो उसने शव की शिनाख्त अपने बच्चे यश के रुप में की। उसका कहना था कि मायके से बेटे को लेकर टेंपो से वह भैरोपुर उतरी और वहां से पैदल सदर तहसील के पास स्थित टेंपो अड्डे के लिए चल पड़ी। चौक घंटाघर के पास वह बच्चे को दूध पिला रही थी, तभी एक नकाबपोश उसके बच्चे को छीन कर भाग निकला। वह पुलिस को सूचना देने या किसी को फोन करने के बजाय सीधे मायके पहुंची और बच्चे के छीनने की जानकारी मायके वालों को दी। सुमन की यह बात पुलिस अथवा घर के किसी सदस्य के गले के नहीं उतर रही है। हर किसी का यह मानना है कि भरे चौक से बच्चे की छीन कर इस तरह भाग जाना नामुमकिन है। अगर सुमन ने शोर मचाया होता तो इस भीड़भाड़ वाली जगह में वह बच कर निकल नहीं सकता था। सुमन की बातचीत से लग रहा है कि वह गढ़ी हुई कहानी सुना रही है। फिलहाल पुलिस उसे हकीकत कबूल कराने में लगी है।
वैसे पोस्टमार्टम में यह स्पष्ट हो गया है कि बच्चे की मौत पानी में डूबने से हुई है। इससे यह साफ है कि जीवित बच्चे को पानी भरे नहर में फेंक दिया गया था। इस बाबत कोतवाल बलिराम मिश्र का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल चुकी है। सब कुछ जल्द सामने आ जाएगा।
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चौक से बच्चा छीनने की बात पर पति को विश्वास नहीं
सुमन की पहली शादी छह साल पहले फैजाबाद के महेश के साथ हुई थी। उससे उसे चार साल का एक बेटा है। दो साल पहले महेश से रिश्ता खत्म होने के बाद सुमन की शादी सुबोध से कर दी गई । सुबोध की पहली पत्नी बीमारी से मर गई थी। पहली पत्नी से उसे बारह साल का बेटा है, जो ननिहाल वालों के साथ मुंबई में रहता है।
सुमन को सुबोध से चार महीने पहले यह बेटा पैदा हुआ था। इस बच्चे के पैदा होने के बाद सुमन व सुबोध में अनबन हो गई। सुबोध मधवापुर में राइस मिल पर काम करता है। सुबोध की माने तो सुमन ने चार महीने पहले मोबाइल नंबर बदल लिया था। नया नंबर वह सिर्फ अपने पास रखती थी। बकौल सुबोध उसे भी यह नंबर सुमन ने नहीं बताया। राइस मिल पर रहने के दौरान वह अपनी पत्नी (सुमन) से फोन पर बात करने के लिए तरस जाता है।
काफी कुरेदने पर सुबोध कुछ खुला। बताया कि हफ्ते भर पहले बेटे को बीमार बता कर सुमन उसे बताए बिना मायके चली गई थी। यही नहीं, मंगलवार को बच्चा छीनने की बात सुमन ने उससे नहीं बल्कि उसके भाई से बताई थी। यह जानने के बाद वह सुमन से संपर्क नहीं कर सका क्योंकि उसके पास सुमन का फोन नंबर नहीं था। बेटे की लाश नहर में मिलने की जानकारी उसे कोतवाल से मंगलवार को शाम सात बजे मिली थी।
सुबोध को बच्चा छीनने की सुमन की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था। कहने लगा कि किसी का अगर कोई एक पर्स छीन कर भागने लगता है तो वह शोर मचाते हुए दौड़ा लेता है। किसी का कोई बच्चा छीन कर भागे तो वह मां कैसे चुप रह सकती है।
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सीसीटीवी फुटेज से घटनाक्रम से उठ जाता परदा
प्रतापगढ़ : अगर चौक घंटाघर में लगे सीसीटीवी कैमरे चल रहे होते तो पूरे घटनाक्रम से परदा उठ जाता।
अपराधियों पर नजर रखने के लिए शहर में चौक घंटाघर, सदर तहसील परिसर, कोतवाली, श्रीराम तिराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। लेकिन ऐसा कोई ही दिन होगा, जब कैमरे सही हालत में चलते मिल जाएं। सुमन चौक घंटाघर से जहां से बच्चे को छीन कर भागने की बात कह रही है, वहां पर सीसीटीवी कैमरा लगा है। अगर सीसीटीवी कैमरा चालू हालत में होता तो फुटेज देखने के बाद पल भर में सच्चाई सामने आ जाती।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब सीसीटीवी चालू हालत में नहीं मिले। इसके पहले अधिवक्ता मीनू हत्याकांड को अंजाम देने वाले बदमाश दिनदहाड़े सदर तहसील परिसर से कोतवाली होकर भाग निकले थे। लेकिन वह सीसीटीवी में इसलिए नहीं कैद हो सके कि हार्ड डिस्क नहीं लगी थी।