उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों का शासन ने लिया संज्ञान
प्रतापगढ़ : सर्व शिक्षा अभियान के बजट के खर्च का कोई अभिलेख न उपलब्ध होने के मामले की दुबारा जांच कर
प्रतापगढ़ : सर्व शिक्षा अभियान के बजट के खर्च का कोई अभिलेख न उपलब्ध होने के मामले की दुबारा जांच कराने का आदेश शासन ने दिया है। यह आदेश प्रभारी सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी रहे रामेश्वर तिवारी की पत्नी द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्य को संज्ञान में लेते हुए दिया गया है। इस मामले में शासन ने हफ्ते भर में जांच रिपोर्ट को तलब किया है।
लगभग साल भर पहले शासन में सर्व शिक्षा अभियान में नियमितता बरतने की शिकायत की गई थी। इसकी जांच के दौरान तत्कालीन राज्य परियोजना निदेशक हरेंद्रवीर सिंह की अगुवाई में गठित समिति ने पाया था कि 25 अक्टूबर 08 से 31 मई 09 के कार्यकाल में मैनुअल के अनुसार अभिलेख तैयार नहीं किया गया। 12 करोड़ 65 लाख 23 हजार 766 रुपये बैंक से आहरित किया गया, लेकिन उसकी इंट्री कैश बुक में नहीं की गई थी। 8 करोड़ 10 लाख 38 हजार 684 रुपये का चेक जारी कर दिया गया, लेकिन अभी तक भुगतान के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शासन ने बीएसए को कार्यवाही का निर्देश दिया था। इसी के तहत बीएसए एसटी हुसैन ने नगर कोतवाली में संविदा लेखाकार नवीन सक्सेना पर मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही नवीन सक्सेना की सेवा को समाप्त कर दिया गया। वहीं धनराशि के खर्च के विवरण का अभिलेख प्रस्तुत न करने के मामले में बीएसए ने तत्कालीन प्रभारी सहायक वित्त लेखाधिकारी रामेश्वर तिवारी, तत्कालीन लेखाधिकारी डीएन दीक्षित के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए विभाग को पत्र लिखा है।
उधर, प्रभारी सहायक वित्त लेखाधिकारी रहे रामेश्वर तिवारी की पत्नी प्रियंका तिवारी ने पति पर लगाए गए आरोप को निराधार बताया है। उन्होंने शासन को वह अभिलेख उपलब्ध कराया है, जिसे प्रस्तुत न करने का दोषी रामेश्वर को बताया गया है। प्रियंका तिवारी के पत्र को शासन ने संज्ञान में लिया और बीएसए को उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों की जांच करके एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। बीएसए एसटी हुसैन ने बताया कि साक्ष्यों की जांच जल्द कराई जाएगी।