विकास की पेशी पर अलर्ट रही पुलिस
प्रतापगढ़ : साथियों के साथ विकास की शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस अलर्ट रही। कड़ी सुरक्षा
प्रतापगढ़ : साथियों के साथ विकास की शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस अलर्ट रही। कड़ी सुरक्षा में विकास और उसके साथियों को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान किसी को विकास से नहीं मिलने दिया गया।
इलाहाबाद सेंट्रल जेल में बंद विकास सिंह, सतीश सिंह, हलीम समेत अन्य की अलग-अलग घटनाओं में शुक्रवार को कोर्ट में पेशी थी। विकास की पेशी को लेकर पुलिस अलर्ट रही। कोतवाल बलिराम मिश्र फोर्स के साथ मुस्तैद रहे। सतर्कता की वजह यह रही है कि पिछली पेशी के दौरान विकास को मोबाइल उपलब्ध हो गया था और उसने प्रापर्टी डीलर रामजी उमरवैश्य को फोन करके रंगदारी न देने पर धमकी दी थी।
राजदत्त मिश्र की हत्या में विकास, सतीश, आशुतोष उर्फ मोनू, नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अशोक मौर्य की हत्या में विकास, आशुतोष, दुर्गेश, किराना व्यापारी राजेंद्र अग्रवाल के यहां लूट में विकास, सतीश, अंकित खंडेलवाल, दीपक तिवारी, लोहंगपुर के पास विनोद पांडेय पर हुए हमले में विकास, सतीश, हलीम, भुपियामऊ चौराहे पर पुलिस पर की गई फायरिंग में विकास सिंह, सौरभ धुरिया, तपन मिश्र को कोर्ट में पेश किया गया।
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धोखाधड़ी के आरोपियों की जमानत निरस्त
प्रतापगढ़ : जिला सत्र न्यायाधीश उमेश चंद्र श्रीवास्तव ने धोखाधड़ी के आरोपियों सुरेश नरायन मिश्र निवासी बरौली, चेत नरायन सिंह निवासी पूरबपंट्टी, भगौती प्रसाद मिश्र निवासी नरहरपुर, धर्मेद शुक्ला निवासी बहरौली अमेठी की जमानत निरस्त कर दिया।
वादी राधारमण निवासी बरौली के अनुसार सुरेश नरायन व धर्मेद्र ने साजिश करके अन्य लोगों की मदद से 27 दिसंबर 10 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय में कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत करके सुरेश नरायन की पत्नी के नाम उसकी जमीन को करा लिया और उसके खाते से 50 हजार रुपये निकाल कर अपने खाते में डाल लिया। इस मामले में पैरवी प्रभारी डीजीसी कमलेश बहादुर सिंह ने की।
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बैंक को क्षतिपूर्ति भुगतान का आदेश
प्रतापगढ़ : जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम के अध्यक्ष जर्नादन सिंह व सदस्य तौफीक अहमद, संध्या देवी ने रामनाथ यादव निवासी बीबीपुर द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करते हुए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक रामगंज कोइरीपुर को परिवादी को 30 हजार रुपये क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का आदेश दिया है। परिवादी ने बैंक से कर्ज लेकर भैंस खरीदी थी। बीमा ओरिएंटल इंश्योरेंस से कराया था। भैंस बाद में मर गई। परिवादी ने तत्काल इसकी सूचना बैंक को दी। सभी कागजात पाने के बाद बैंक ने बीमा कंपनी से क्लेम की मांग नहीं की।