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वरदान देते ही चल बसे राजा दशरथ

प्रतापगढ़ : प्रिय पुत्र राम को वन जाने का वरदान देते ही राजा दशरथ मूर्छित होकर गिरे व उनके प्राण पखे

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 06:19 PM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 06:19 PM (IST)
वरदान देते ही चल बसे राजा दशरथ

प्रतापगढ़ : प्रिय पुत्र राम को वन जाने का वरदान देते ही राजा दशरथ मूर्छित होकर गिरे व उनके प्राण पखेरू उड़ गए। यह देख लोगों की आंखे नम हो गई।

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दशहरे को लेकर शहर में श्रीराम लीला समिति द्वारा झांकी प्रदर्शन की कड़ी में मंगलवार को कैकेई के कोप भवन में जाने का मंचन किया गया। रानी से इसके बदले कोई वर और वर मांगने का राजा ने अनुरोध किया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थीं। वचन के पक्के राजा ने वर तो दे दिया, लेकिन जैसे ही सीताजी व लखन के साथ भगवान राम वन के लिए जाने को हुए कि दशरथ ने प्राण त्याग दिया।

दोपहर बाद नगर के गोपाल मंदिर से निकली झांकी में कैकेई की जिद देख श्रद्धालुओं में रोष रहा। श्रीराम चौराहा के बाद चौक होते हुए यह शोभायात्रा नगर में घूमकर पुन: गोपाल मंदिर पहुंची, जहां श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर रामलीला समिति के रोशनलाल उमर वैश्य, प्रहलाद खंडेलवाल, संजय खंडेलवाल, राजू शर्मा, रवींद्र कुमार बंटी, बबलू सांई व मनीष केसरवानी आदि लोग मौजूद रहे। शोभायात्रा कई जगह जाम में भी फंसी।


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