गर्मी के साथ गहराने लगा पेयजल संकट
गौरा, प्रतापगढ़ : गर्मी के साथ विकास खण्ड गौरा में पेयजल संकट गहराने लगा है। कहीं हैंडपंप खराब पड़े हैं तो कहीं खारे पानी की समस्या से ग्रामीण जूझ रहे हैं। विभाग भी इस ओर चुप्पी साधे बैठा है, जिससे ग्रामीण हैरान है।
गौरा मुख्यालय के सरकारी दफ्तर अस्पताल रेलवे स्टेशन पर ही हैंडपंप खराब पड़े हैं। सीएचसी गौरा को ही लीजिए यहां वर्षो से खराब पड़ी पेयजल टंकी अब जर्जर होकर धराशायी होने के कगार पर है। इसके सुधार को विभाग द्वारा कदम न उठाए जाने से यह पेयजल टंकी अब कभी भी दगा दे सकती है। विभाग ने इसे निष्प्रयोज्य करार देकर यहां पेयजल व्यवस्था को कुछ साल पहले जेट पंप लगवाए। वह भी फेल हो गए है और अब यहां मरीजों को पेयजल के लिए हैंडपंप की ही सहारा है। अस्पताल में एक हैंडपंप काफी समय से खराब पड़ा है। मरीज व कर्मचारी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसा ही हाल ब्लाक का है। यहां लगा हैंडपंप प्रदूषित पानी दे रहा है। तो पशु अस्पताल हैंडपंप को भी तरस रहे हैं। फतनपुर थाने में भी समुचित पेयजल व्यवस्था की दरकार है। कृषि बीज केंद्र पर तो हैंडपंप से ही काम चल रहा है, जो बालू उगल रहा है। रेलवे स्टेशन गौरा पर भी जटिल समस्या है। यहां टोटी का पानी अभी तक नहीं पहुंच सका है। एक हैंडपंप खराब पड़ा है, जिससे यात्रियों को इस गर्मी में ट्रेन खड़ी होने पर पानी की समस्या उठानी पड़ा रही है। इसी प्रकार कई गांवों में दर्जनों हैंडपंप खराब पड़े हैं। जोकि मरम्मत व रीबोर की बाट जोह रहे हैं। मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायतों के हवाले होने से चुनावी दौर में इस ओर कोई सुधि लेने वाला नहीं है। ग्रामीण ब्लाक तक शिकायत कर रहे हैं। खराबी दूर नहीं की जा रही है। सेनापुर गांव में खारे पानी की समस्या बढ़ गई है। ब्लाक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी 2397 हैंडपंप गांवों में अधिष्ठापित हैं। इसमें दर्जनभर खराब, 15 हैंडपंप रीबोर की शिकायतें आई है। अभी तक उनके सुधार नहीं हो सके है। बीडीओ गौरा राम अभिलाष का कहना है कि ग्राम पंचायत अधिकारियों को गांवों में खराब हैंडपंप की सुधार कराने के निर्देश दिए गए हैं। रीबोर की रिपोर्ट जल निगम को भेजी गई है। यह उन्हीं का मामला है।