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कृपालु जी की शादी में बने थे सहबाला

By Edited By: Published: Sat, 16 Nov 2013 10:28 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2013 10:28 PM (IST)
कृपालु जी की शादी में बने थे सहबाला

सगरासुन्दरपुर, प्रतापगढ़ : देश के पंचम जगद्गुरु कृपालु महराज आज भले ही मृत्युलोक से विदा ले चुके हैं, लेकिन करीबियों के साथ जुड़ी उनकी स्मृतियां लोगों को लंबे समय तक रुलाती रहेंगी। कृपालु जी भाई व बालसखा रहे पैतृक गांव हंडौर के पं. हरिनारायण तिवारी आंखों से आंसू पोंछते हुए कहने लगे कि एक समय वह था जब हम बचपन में साथ खेला करते थे। 1936 में लीलापुर के मिश्रपुर गांव में पं. रामकिशन ओझा की लड़की से उनकी शादी हुई तब दूल्हे कृपालु जी के साथ सहबाला बन मैं बहुत प्रफुल्लित था। 1958 में कृपालु जी से जब मैने पूछा कि आपको वेदपुराणों, उपनिषदों का इतना ज्ञान कैसे मिल गया, जिससे आप विद्वानों को चैलेंज कर देते हैं, तब उन्होंने कहा कि सब प्रभु गिरधर व मां सरस्वती की कृपा है। मै तो हाथ जोड़कर मां सरस्वती को नमन करता हूं। मेरे मुख से जो भी निकलता है वह माता सरस्वती की वाणी होती है।

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