मनरेगा कर्मियों को डेढ़ वर्ष से नहीं मिला मानदेय
-जताई नाराजगी, परिवार भुखमरी की कगार पर
संडवा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : ब्लाक की गाड़ी मनरेगा के बजट से खींची जा रही है। बजट के अभाव में मनरेगा कर्मियों को पिछले डेढ़ वर्षो से मानदेय का भुगतान भी नहीं हो पाया है।
बिना मानदेय के भुगतान किए कंटीजेंसी का धन दूसरे मद में खर्च किए जाने पर संविदा कर्मियों ने नाराजगी जताई है। मानदेय का भुगतान न किए जाने से उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। बच्चों का शिक्षण कार्य नहीं हो पा रहा है।
मनरेगा के निर्धारित बजट का पांच प्रतिशत धनराशि कंटीजेंसी के रूप में खर्च की जाती है, जिसमें संविदा पर तैनात मनरेगा कर्मियों का मानदेय, कागज, मस्टर रोल व अन्य कार्यो में कार्य किया जाने का शासनादेश है। पिछले डेढ़ वर्षो से मनरेगा कर्मियों को उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया जा सका है, जबकि मनरेगा के ही बजट से ब्लाक की जीप का डीजल भराया जा रहा है।
बताया जाता है कि मनरेगा के बजट से लिए जा रहे डीजल को सिर्फ मनरेगा के कार्यो के निरीक्षण में ही खर्च किया जा सकता है। विकास खंड में तो मनरेगा की कंटीजेंसी से पूरा खर्च चलाया जा रहा है। गत महीने कम्प्यूटर की खरीद व फोटो स्टेट मशीन का रिपेयर भी इसी बजट से किया गया। वहीं ब्लाक में कागज से लेकर बल्ब कुर्सी व अन्य सामानों की खरीद मनरेगा से ही होती है।
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी शोभनाथ मौर्य ने बताया कि ब्लाक में मनरेगा के अतिरिक्त और कोई कंटीजेंसी नहीं मिल रही है। किसी तरह से कार्य किया जा रहा है। मनरेगा कार्य प्रगति धीमी होने से कंटीजेंसी फंड नहीं बढ़ रहा है। कंटीजेंसी में धनराशि आने पर मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।
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