जोगराजपुर में एक तिहाई तालाब पर कब्जा
पीलीभीत : सुप्रीम कोर्ट से लेकर प्रदेश सरकार तक तालाबों के संरक्षण की बात कहती है। आदेश है कि तालाबो
पीलीभीत : सुप्रीम कोर्ट से लेकर प्रदेश सरकार तक तालाबों के संरक्षण की बात कहती है। आदेश है कि तालाबों का आकार कतई न बदला जाए परंतु तालाबों पर लगातार कब्जे किए जा रहे हैं। जोगराजपुर में गांव के अंदर का एक तिहाई तालाब पाटकर उसे कब्जाने के बाद बेचा भी जा रहा है। यही हाल घुंघचाई के जितौरिया गांव का है।
जोगराजपुर : गांव में चकबंदी चल रही है फिर भी तालाबों पर हो रहा कब्जा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गांव के बीच का तालाब भी लोग कब्जाने लगे हैं। इसी तालाब में आधे गांव का पानी आता है। जिस तेजी से तालाब का पटान हो रहा है और चकबंदी विभाग मौन है उसके चलते तीन हिस्सा तालाब पट चुका है। इसका रकबा एक एकड़ के लगभग था। जोगराजपुर गांव की अधिकांश नालियों का पानी इसी तालाब में आता है। कुछ समय से लोगों ने धीरे-धीरे इस तालाब पर कब्जा करना शुरू कर दिया। जब इसका विरोध नहीं हुआ तब तक गांव चकबंदी में चला गया। फिर क्या था तालाब पटाने की होड़ सी मच गयी और देखते ही देखते तीन हिस्सा तालाब पट गया। यही नहीं आज भी तालाब की जमीन पर निर्माण जारी है। कई लोगों ने तो जमीन को पाट पाटकर कई लाख की जमीन अब तक बेच चुके हैं। समय रहते इस तालाब को न बचाया गया तो पूरे गांव के पानी के निकास की समस्या पैदा हो जाएगी।
घुंघचाई: जितौरिया गांव के करीब तीन बीघे के तालाब को पाटकर कब्जेदारों ने सिर्फ दो बिस्वा जगह ही तालाब के नाम पर छोड़ी है। इसके चलते कभी पानी से लबालब भरा रहने वाला तालाब सूखा पड़ा है। कब्जेदार इसे पूरा पाटने के लिए चकबंदी विभाग से भी साठगांठ कर चुके हैं। गांव के लोगों का कहना है कि अगर यह तालाब पट गया तो मवेशियों के लिए पीने के पानी की समस्या भी बन जाएगी।
तालाबों पर कब्जे की सूचना ग्राम प्रधानों या लेखपालों को देनी चाहिए परंतु अभी तक ऐसी कोई भी सूचना नहीं मिली है। स्वयं इन गांवों में टीम भेजकर जांच कराऊंगी और कब्जेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
-श्रद्धा शांडिल्यायन, एसडीएम पूरनपुर।