डॉक्टर गायब, अस्पताल में तड़पती रही गर्भवती
पीलीभीत : समय यही कोई साढ़े 10 बजे का, पूरनपुर के सरकारी अस्पताल में यूं तो पांच मरीज भर्ती थे परन्त
पीलीभीत : समय यही कोई साढ़े 10 बजे का, पूरनपुर के सरकारी अस्पताल में यूं तो पांच मरीज भर्ती थे परन्तु लेबर रूम में पड़ी दो गर्भवती महिलाएं प्रसव वेदना से कराह रहीं थीं। इन्हें देखने वाली कोई महिला डाक्टर वहां नहीं थी। दूसरे डॉक्टर भी अपने आवास पर थे। गंदगी से पटे अस्पताल में प्रकाश की भी व्यवस्था नहीं थी। यह दृश्य था सरकारी अस्पताल का जो स्वयं एसडीएम श्रद्धा शाडिल्यायन ने वहां पहुंचकर देखा। एसडीएम ने डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई।
यूं तो सरकारी अस्पताल में यह सब रोज का किस्सा है परन्तु जब साहब लोगों के आने की जानकारी लगती है तो सबकुछ ओके करा दिया जाता है। शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे जब एसडीएम अस्पताल पहुंचीं तो चारो तरफ अंधेरा एवं सन्नाटा पसरा दिखा। सीधे लेबर रूम पहुंच गई तो वहां दो प्रसूताएं कराह रहीं थीं। इन्हें देखने वाली कोई महिला चिकित्सक मौके पर नहीं थी। नर्स ही प्रसव कराने की जिम्मेदारी संभाल रही थी। अस्पताल में तीन और मरीज थे परन्तु गंदगी एवं अंधेरे का आलम उन्हें भी परेशान किए हुए था। इमरजेंसी में डाक्टर व फार्मासिस्ट को हर समय मुस्तैद रहना चाहिए परन्तु यहां इमरजेंसी भी सूनी मिली। अंधेरा होने से कुछ दिख ही नहीं रहा था। साथ में मौजूद स्टाफ एवं तहसीलदार के बुलाने पर अधीक्षक डा. रवींद्र ¨सह एवं एमओआइसी डा.मुहम्मद असलम करीब 15 मिनट बाद आए और महिला डाक्टर की तैनाती न होना बताया। एसडीएम ने गंदगी एवं अंधेरे को लेकर फटकार लगाते हुए व्यवस्थाएं सुधारने को कहा एवं इमरजेंसी खाली रहने पर भी कड़ी नाराजगी जताई। इतनी रात को एसडीएम को अमले के साथ अस्पताल में पाकर महकमें में हड़कंप मच गया। एसडीएम ने बताया कि इस मामले में सीएमओ को पत्र लिखकर महिला चिकित्सक की तैनाती कराने एवं व्यवस्थाएं सुधरवाने को कहा गया है।