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पथराव के डर से दोपहर तक नहीं खुला ग्रामीण बैंक का ताला

पीलीभीत : पूरनपुर में कई दिनों से नकदी न आने से गुस्साए लोगों ने बड़ौदा उप्र ग्रामीण बैंक की कुर्रैय

By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 10:30 PM (IST)
पथराव के डर से दोपहर तक नहीं खुला ग्रामीण बैंक का ताला

पीलीभीत : पूरनपुर में कई दिनों से नकदी न आने से गुस्साए लोगों ने बड़ौदा उप्र ग्रामीण बैंक की कुर्रैया शाखा में शुक्रवार को पथराव कर दिया था। शनिवार को भी कैश नहीं आया तो पथराव के डर के चलते दोपहर तक कर्मचारियों ने बैंक का ताला ही नहीं खोला।

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नकदी संकट झेल रहे लोगों का सब्र अब जवाब देने लगा है। कुछ लोग तो बहकावे में आकर गलत हरकतें भी करने लगे हैं। शुक्रवार को कुर्रैया की बड़ौदा उप्र ग्रामीण बैंक शाखा में एक शराबी के भड़काने पर कई दिनों से लाइन में लगीं महिलाओं ने बैंक के अंदर बैठे स्टाफ पर ही पथराव शुरू कर दिया था। पुलिस भी लोगों का आक्रोश देखते हुए कुछ नहीं कर सकी। बाद में स्टाफ ने बैंक बंद करके जाने में ही भलाई समझी। जब बैंक बंद हो गई तो आक्रोशित भीड़ भी चली गई। शनिवार को भी नकदी न आने के कारण बैंककर्मी बैंक खोलने का साहस नहीं जुटा सके। दरअसल जनता के आक्रोश को देखते हुए स्टाफ जानता था कि बिना नकदी के बैंक खोलना खतरे से खाली नहीं है इसलिए ताले बंद रखकर स्टाफ इधर उधर बैठा रहा। बैंक बंद देखकर जब दूरदराज से आए लोग चले गए तब जाकर बैंक के ताले खुले और लेनदेन शुरू हुआ। कुछ ग्राहक नकदी जमा करने आए परन्तु कैश न आने के कारण भुगतान शनिवार को भी नहीं हो सका। शाखा प्रबंधक एवं अन्य स्टाफ का कहना है कि ग्राहकों की जरूरत के अनुरूप नकदी नहीं दी जा रही है। अगर नकदी मिलती रही तो किसी को कोई शिकायत ही नहीं होगी।

पूरनपुर में नोटबंदी को हर कोई एक अच्छा कदम बता रहा है परन्तु बैंक कर्मियों की शरारतों के चलते मोदी सरकार की छवि खराब हो रही है। इस समय साढ़े नौ से शाम 6 बजे तक बैंक शाखाएं खोलने का आदेश था परन्तु प्रत्येक बैंक शाखा की देर से खुलने एवं समय से पहले बंद होने की शिकायतें आम हैं।


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