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टाइगर रिजर्व में घूम रहे हैं नेपाल के गैंडे

पीलीभीत : पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में नेपाल के गैंडे स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। इन गैंडो

By Edited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 09:32 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2015 09:32 PM (IST)
टाइगर रिजर्व में घूम रहे हैं नेपाल के गैंडे

पीलीभीत : पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में नेपाल के गैंडे स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। इन गैंडों की सुरक्षा के लिए दिन-रात वन कर्मचारी निगाह रखे हुए हैं। बरसात सीजन समाप्त होते ही स्वत: अपने देश चले जाते हैं। इन गैंडों की लेजर कैमरा ट्रेप में पुष्टि हुई है।

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टाइगर रिजर्व की सीमा नेपाल की शुक्ला फांटा सेंचुअरी से छूती है। इस सीमा की एसएसबी दिन-रात गश्त कर सुरक्षा करती है। खुली सीमा होने की वजह से दोनों देशों के वन्यजीव स्वच्छंद रूप से विचरण करते रहते हैं। हर साल शुक्ला फांटा सीमा से गैंडे आ जाते हैं, जो कुछ महीने विचरण करने के बाद वापस चले जाते हैं। मई-जून में लेजर कैमरा ट्रैप से बाघ गणना की गई, जिसमें बराही रेंज के जंगल में करीब पांच गैंडे स्वच्छंद विचरण करते देखे गए। इन गैंडों की लेजर कैमरों में फोटो भी कैद हुई है। जंगल में गैंडों के घूमने की खबर लगने के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई। रेंज के वन कर्मचारी गैंडों की सुरक्षा दिन-रात कर रहे हैं। बरसात सीजन समाप्त होने के बाद गैंडे लौट जाते हैं। यह प्रक्रिया हर साल होती है। टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश न बताया कि बराही जंगल में कुछ गैंडे विचरण कर रहे हैं, जिनकी सुरक्षा बेहतर ढंग से की जा रही है। बरसात बाद गैंडे लौट जाएंगे।

महोफ में लागू होनी है परियोजना

टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज के चौगुर्जी कंपार्टमेंट में गैंडा पुर्नवास परियोजना लागू करने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। इस संबंध में प्रदेश शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। मगर अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां का वातावरण गैंडों के लिए मुफीद माना जा रहा है। अगर गैंडा पुर्नवास परियोजना लागू हो गई, तो यहां आने वाले पर्यटकों को गैंडा अवश्य दिख सकेंगे।


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