दलित किशोरी की हत्या पर लापरवाह बनी रही पुलिस
पीलीभीत: महिला एवं दलित उत्पीड़न रोकने के लिए शासन स्तर पर ना जाने कितने प्रयास हो रहे हैं। इसके बाद
पीलीभीत: महिला एवं दलित उत्पीड़न रोकने के लिए शासन स्तर पर ना जाने कितने प्रयास हो रहे हैं। इसके बाद भी माधोटांडा पुलिस ऐसे मामलों को हल्केपन से ले रही है। जमुनिया में दलित किशोरी की रेप के बाद हत्या होने की सूचना पर जहां इलाके भर की भीड़ गांव में जुट गई वहीं खाकी गायब दिखी। सुबह सात बजे सूचना देने के बाद जमुनिया पुलिस 10 बजे के बाद गांव पहुंची। जब हालात देखे तो पुलिस के होश उड़ गए। चौकी इंचार्ज की सूचना पर एसओ व सीओ मौके पर पहुंचे और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। दुष्कर्म की धाराएं मुकदमे में लगाने से पुलिस बचती नजर आई और पीएम रिपोर्ट आने के बाद मुकदमा तरमीम करने की बात कही।
जमुनिया निवासी दलित फकीरेलाल की पुत्री सोनी (16) की रात को सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या होने की बात पूरे इलाके में सूरज की किरण निकलते ही फैल गई थी। हत्यारों ने युवती को घर में ही फंदे पर लटका दिया था। सूचना पर फोन घनघनाते गए और इलाके के दर्जनभर गांवों के सैकड़ों लोग दलित के घर एकत्र हो गए। इस दौरान सबसे अहम बात यह थी कि खाकी पूरी तरह गायब थी। गांव का चौकीदार भी मौके पर नहीं पहुंचा था। परिजनों के अनुसार जमुनिया चौकी पर सुबह 7 बजे ही सूचना दे दी गई थी। चौकी इंचार्ज गायब थे इस कारण सिपाहियों ने इसे काफी हल्के में लिया। चंद कदम पुलिस चौकी होने के बाद मौके पर जाने की जरूरत नहीं समझी गई। जब 10 बजे मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे और पुलिस के अधिकारियों से सामूहिक दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या के बारे में जानकारी की तो अफसरों के होश उड़ गए। एसओ माधोटांडा विवेक त्रिवेदी और सीओ पूरनपुर राजेश्वर ¨सह मौके पर पहुंच गए। इन लोगों ने परिजनों से अलग-अलग बात की और उसके बाद गांव के ही तीन युवक विजयपाल, रमाकांत व रामसनेही के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। 10 बजे तक पुलिस के ना पहुंचने के कारण आरोपी गांव में ही घूमते रहे। इसके चलते दलित परिवार दहशत में रहा। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पीएम को भेजा है। यहां भी पुलिस की लापरवाही साफ नजर आई। रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म को किनारे कर दिया गया। एसओ विवेक त्रिवेदी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अगर दुष्कर्म की पुष्टि होती है तो धाराएं बढ़ा दी जाएंगी। उनसे हत्या का कारण पूछा गया तो वे कोई जवाब नहीं दे सके। उनका कहना था कि जांच चल रही है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। एसओ के अनुसार पीड़ित पक्ष ने 10 बजे सूचना दी थी इसीलिए पुलिस देर से पहुंची। इधर पुलिस की लेटलतीफी व लापरवाही की क्षेत्र में काफी चर्चा रही। लोगों का कहना था कि गांव में पुलिस चौकी होने के बाद भी पुलिस का समय से ना पहुंचना मिलीभगत उजागर करता है।
इन्सेट-
घटना को बदलने के जारी रहे प्रयास
पूरनपुर: जिस तरह चांदूपुर गांव में वृद्धा की लूट के बाद हत्या होने की घटना को माधोटांडा पुलिस ने लम्बे प्रयास के बाद बदलवा दिया था ठीक इसी तर्ज पर जमुनिया मामले में पुलिस खुद को बचाने में घंटो जुटी रही। अलग-अलग सभी सदस्यों से बात करके उन्हें गुमराह करने का प्रयास भी किया गया। हालांकि इस मामले में चांदूपुर की तरह पुलिस अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकी। इसमें एसओ का तर्क था कि पीड़ित पक्ष एवं दो आरोपी एक ही बिरादरी के हैं और उनमें समझौते के प्रयास देर तक चलते रहे। इसी कारण देर हुई।