तीन दिन बाद भी टाइगर रिजर्व प्रशासन खाली हाथ
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज में बाघ की मौत को तीन दिन का समय बीत च
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज में बाघ की मौत को तीन दिन का समय बीत चुका है, लेकिन टाइगर रिजर्व प्रशासन के हाथ खाली हैं। रेंज स्तर के वन कर्मचारियों को बाघ हत्या मामले में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। शनिवार को तीसरे दिन बराही व महोफ रेंज में वन कर्मचारियों की गश्त जारी रही। वहीं रुहेलखंड जोन के मुख्य वन संरक्षक ने निरीक्षण कर दिशा निर्देश दिए।
तराई का पीलीभीत जंगल बाघ मामले में काफी धनी रहा है। कुछ सालों से शिकारियों के सक्रिय होने से बाघों का मरने का सिलसिला शुरू हो गया है। तीन साल पहले गणना में 40 से अधिक बाघ आए थे, लेकिन पिछले साल की गणना में बाघों की संख्या सिमटकर 28 रह गई। इसमें से बराही रेंज के हरदोई ब्रांच नहर में मिले बाघ के शव को कम कर दिया जाए, तो मौजूदा समय 27 के आसपास गिनती घूम रही है। यह गिनती वन्यजीवप्रेमियों के गले नहीं उतर रही है। टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश के निर्देश पर जंगल के महोफ व बराही रेंज में तीन दिनों से कां¨बग(गश्त) की जा रही है। शनिवार को तीसरे दिन रेंज कार्यालय के फील्ड स्टाफ दिनभर जंगल की धूल चाटता रहा, लेकिन सफलता के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं हो सकी। तेज धूप में वन कर्मचारी पैदल गश्त करते रहे। इस तरह टाइगर रिजर्व प्रशासन तीन दिन बाद भी खाली हाथ है। सफलता गिनाने के लिए टाइगर रिजर्व के पास कुछ भी नहीं है। शनिवार शाम को रुहेलखंड जोन के मुख्य वन संरक्षक एमपी ¨सह जंगल पहुंचकर वन अफसरों की बैठक लेकर दिशा निर्देश दिए और घटना स्थल का भी जायजा लिया। प्रभागीय वनाधिकारी के मुताबिक, बराही रेंज में बाघ का शव मिलने के बाद से गश्त कराई जा रही है। मगर अभी तक अन्य किसी वन्यजीव के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। जंगल के अंदर काफी गंभीरता से गश्त हो रही है।