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टूट रहा घर का सपना, जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ भड़का लोगों का गुस्सा

खरीदारों ने नोएडा सेक्टर-128 स्थिति जेपी ग्रुप के कॉरपोरेट ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 12 Aug 2017 04:40 PM (IST)Updated: Sat, 12 Aug 2017 04:40 PM (IST)
टूट रहा घर का सपना, जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ भड़का लोगों का गुस्सा
टूट रहा घर का सपना, जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ भड़का लोगों का गुस्सा

नोएडा [जेएनएन]। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने आईडीबीआई बैंक द्वारा कर्ज में डूबे जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दायर ऋण शोधन याचिका (इंसोल्वेंसी पिटीशन) स्वीकार कर ली है। यानी अब जेपी इंफ्राटक के दिवालिया घोषित होनी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह बात सामने आने के बाद शुक्रवार को खरीदारों ने नोएडा सेक्टर-128 स्थिति जेपी ग्रुप के कॉरपोरेट ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया। 

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प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि बिल्डर उनके पैसे पर गाड़ियों में घूमते हैं। घर खरीदारों से भी बात नहीं करते। खरीदारों ने सुनवाई ना होने की वजह से जेपी के दफ्तर के सामने सड़क ही जाम कर दी। 

देना होगा कर्ज लौटाने का रोडमैप 

असल में पूरा मामले ये है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने आईडीबीआई बैंक के कर्ज में डूबे जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दायर ऋण शोधन याचिका स्वीकार कर ली है। जेपी को आईडीबीआई के 4000 करोड़ रुपये चुकाने हैं। इसके लिए जेपी को 180 दिन की मोहलत दी जाएगी जिसमें उसे अपना कर्ज लौटाने का रोडमैप देना होगा। 

ग्राहकों पर पड़ेगा असर

जेपी इंफ्रा रोडमैप देने में फेल होता है तो अगले 90 दिनों के नोटिस के बाद जेपी इंफ्रा को दीवालिया घोषित किया जाएगा और फिर जेपी इंफ्राटेक की संपत्तियों को नीलाम किया जाएगा। जेपी को 32,000 लोगों को घर बनाकर देने हैं। यदि जेपी इंफ्रा को दिवालिया घोषित किया जाता है तो इसका सबसे बड़ा असर ग्राहकों पर पड़ेगा।  

यह भी पढ़ें: दिवालिया घोषित करने के लिए विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं कई बड़े बिल्डर


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