एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीड बन रही हादसों का सबब
संवाददाता, नोएडा : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीड के कारण सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। आए दिन दुर्घटनाएं होने के बाद भी यातायात पुलिस एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीड वाहनों का चालान नहीं कर रही है। एसपी ट्रैफिक एमपी सिंह का कहना है कि वाहन चलाते वक्त हमेशा स्पीड लिमिट का ख्याल रखें और इसमें ही बचाव है। उन्होंने कहा कि वे एक्सप्रेस वे पर स्पीड रडार से जांच कर चालान काटते हैं।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर साठ फीसद से अधिक सड़क दुर्घटनाएं ओवरस्पीड के कारण होती हैं। ओवरस्पीड के कारण खड़े वाहनों में तेज टक्कर से लेकर आपस में भी गाड़ियां भिड़ जाती हैं। एक्सप्रेस वे पर कई तीखे मोड़ भी हैं, जिन पर गाड़ियां अनियंत्रित हो जाती हैं। इस कारण भी एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है।
एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट
नोएडा- ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर छोटे वाहनों के लिए स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा व भारी वाहनों के लिए 60 किलोमीटर प्रति घंटा है। जबकि पहले छोटे वाहनों के लिए 80 व भारी वाहनों के लिए 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तय थी।
स्पीड रडार से होती है चेकिंग
यातायात पुलिस के पास पांच स्पीड रडार हैं। इन स्पीड रडार कैमरे से हाई स्पीड वाहनों का चालान किया जाता है। सबसे पहले चेकिंग प्वाइंट से एक या डेढ़ किलोमीटर पहले रडार को लगा दिया जाता है। जैसे ही हाई स्पीड गाड़ी गुजरी कि पुलिसकर्मी को गाड़ी का नंबर, स्पीड, समय व फोटो मिल जाती है। तब तक चेकिंग प्वाइंट पर तैनात पुलिसकर्मियों को गाड़ी के बारे में जानकारी दे दी जाती है। इसके बाद ओवरस्पीड का चालान किया जाता है। ओवर स्पीड चालान छोटी गाड़ियों के लिए 300 रुपये का और भारी व वाणिज्यिक वाहनों के लिए 700 रुपये तक का है।
जागरण सुझाव
- एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट का ध्यान रखें
- हमेशा अपनी लेन में ही चलें
- तीखे मोड़ पर स्पीड कम कर लें
- दूसरे वाहनों के साथ ओवरटेक न करें।
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