दूर होगी नोएडा एक्सटेंशन की टेंशन
ग्रेटर नोएडा, संवाददाता : नोएडा एक्सटेंशन के निवेशकों के लिए राहत देने वाली खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा के मास्टर प्लान 2021 को लेकर राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र (एनसीआर प्लानिंग बोर्ड) को जवाब भेज दिया है। उम्मीद है कि इस माह मास्टर प्लान को मंजूरी मिल जाएगी। प्लान मंजूर होने के साथ ही नोएडा एक्सटेंशन का सात माह से चला आ रहा टेंशन दूर हो जाएगा। इससे एक लाख निवेशकों के साथ बिल्डरों व प्राधिकरण को राहत मिलेगी। शहर में ठप विकास कार्य भी गति पकड़ लेगा।
मास्टर प्लान 2021 को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की 22 मार्च को दिल्ली में बैठक हुई थी। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ की। इसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रोटोकाल मंत्री अभिषेक मिश्रा, प्रबंध निदेशक यूपीएसआरटीसी व आयुक्त परिवहन आलोक कुमार प्रथम, प्रदेश के चीफ टाउन प्लानर एनआर वर्मा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन रमा रमण भी शामिल हुए थे। बैठक में ग्रेटर नोएडा के मास्टर प्लान पर चर्चा करते हुए बोर्ड के सदस्यों ने कहा था कि मास्टर प्लान को मंजूरी देने में उन्हें आपत्ति नहीं है। छोटी-मोटी कमियों को एक-दो दिन में दूर करा लिया जाए। बोर्ड का मानना था कि उत्तर प्रदेश में कुछ दिन पहले ही सत्ता परिवर्तन हुआ है। नई सरकार को पता होना चाहिए कि मास्टर प्लान में क्या प्रावधान किए गए हैं। मंजूरी दिए जाने से पहले एक बार नई सरकार के सामने मास्टर प्लान रखा जाए और उस पर सरकार की राय मांगी जाए। सभी सदस्य इस पर सहमत हो गए। बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 दिन के अंदर राय देने को कहा था। 15 दिन के बजाय डेढ़ माह बाद प्रदेश सरकार ने मास्टर प्लान का अध्ययन करने के बाद अपना जवाब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भेज दिया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सोमवार को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में प्रदेश सरकार का जवाब दाखिल कर दिया गया। उम्मीद है कि इस माह जल्द ही प्लानिंग बोर्ड की बैठक होगी। इसमें मास्टर प्लान मंजूर होने की उम्मीद है।
एक लाख निवेशकों को मिलेगी राहत
प्राधिकरण अधिकारी मानकर चल रहे हैं कि मई में मास्टर प्लान को मंजूरी मिल जाएगी। ऐसा हो गया तो नोएडा एक्सटेंशन के करीब एक लाख निवेशकों को भारी राहत पहुंचेगी। मास्टर प्लान स्वीकृत नहीं होने की वजह से ग्रेटर नोएडा में भूखंडों की रजिस्ट्री, उन पर निर्माण कार्य व कंप्लीशन का कार्य बंद है। मास्टर प्लान मंजूर होते ही बिल्डरों का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
किसानों को भी मिलेगी राहत
मास्टर प्लान मंजूर नहीं होने की वजह से किसानों की आबादी की बैकलीज व छह प्रतिशत भूखंडों का आवंटन रुका पड़ा है। मास्टर प्लान स्वीकृत होते ही बैकलीज व छह प्रतिशत भूखंडों का आवंटन शुरू हो जाएगा।
क्या है नोएडा एक्सटेंशन का विवाद
किसानों की याचिका पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 21 अक्टूबर, 2011 को सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था कि किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा व दस फीसदी विकसित भूखंड दिया जाए। शहर का मास्टर प्लान 2021 एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मंजूर नहीं होने के कारण कोर्ट ने नोएडा एक्सटेंशन समेत अन्य क्षेत्र में निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया था। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मास्टर प्लान मंजूर होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया था। नोएडा एक्सटेंशन में एक लाख निवेशकों ने फ्लैट बुक करा रखा है। ढाई हजार हेक्टेयर में फैले एक्सटेंशन में 37 बिल्डरों का प्रोजेक्ट चल रहा था। कोर्ट के फैसले से बिल्डरों, निवेशकों व प्राधिकरण का करीब दस हजार करोड़ रुपये फंसे हुए हैं।
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