संसाधनों का अभाव बना खिलाड़ियों के पांव की बेड़ी
अजब ¨सह भाटी, ग्रेटर नोएडा हम अपने खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन और पदकों की उम्मीद करते हैं, लेकिन
अजब ¨सह भाटी, ग्रेटर नोएडा हम अपने खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन और पदकों की उम्मीद करते हैं, लेकिन खेल व्यवस्थाओं को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार खिलाड़ियों के प्रति कितनी संजीदा है। पिछले दो सालों से युवा कल्याण विभाग को खेल कूद प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए बजट ही नहीं मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ी प्रतिभा निखारकर जिले का नाम रोशन करना चाहते हैं, लेकिन संसाधनों का अभाव और प्रोत्साहन की कमी उनके पांव में बेड़ियां बनी हुई हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद युवाओं में उम्मीद जगी, लेकिन बजट अभाव अभी भी उनके आड़े आ रहा है। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों से खेल प्रतिभाओं को निखारने की जिम्मेदारी युवा कल्याण विभाग की है। प्रति वर्ष विभाग ब्लॉक व जिला स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से राज्य स्तरीय खिलाड़ियों की खोज करता है, लेकिन बजट के अभाव में पिछले दो साल से युवा कल्याण विभाग प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं करा सका।
-युवा कल्याण विभाग पिछले दो साल से जिले में खेल प्रतियोगिता नहीं करा पाया है। इससे खिलाड़ियों में निराशा छाई है। प्रतियोगिता न होने की वजह से खेल प्रतिभाएं लुप्त होने की कगार पर है।
- देव राठौर
दुजाना गांव में पायका के तहत बना स्टेडियम बदहाली की कगार पर है। स्टेडियम में झाड़ियां उगी हुई है, दो सालों से संबंधित विभाग खेल प्रतियोगिता कराने के लिए शासन से मिलने वाले बजट की उम्मीद में हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
-अरूण नागर, दुजाना
जिले का युवा वर्ग देश-प्रदेश स्तर पर अपनी क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं। मगर उन्हें अनुकूल माहौल देने के लिए सार्थक प्रयासों का हमेशा से अभाव रहा है। युवा कल्याण विभाग के हाल पर गौर करें तो पूरे जिले में विभाग के पास व्यवस्थाओं का अभाव है। स्टेडियम और प्रशिक्षकों के अभाव में ग्रामीण स्तर पर खेल प्रतिभागी उभर कर सामने नहीं आ पा रहे है।
-सोनू , बिसनूली
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जिले में खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए जल्द खेल आयोजन होंगे। इसके लिए शासन से बजट की डिमांड पहले ही की जा चुकी है। जल्द ही एक नए स्टेडियम का तौहफा भी खेल प्रतिभागियों को मिलने वाला है। कौच की तैनाती के लिए पत्र भेजा गया है।
प्रदीप कुमार दुबे, जिला युवा कल्याण अधिकारी