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जेवर विधानसभा के पांच कस्बों में नहीं है कोई महाविद्यालय

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : उत्तर प्रदेश का सबसे विकसित जिला गौतमबुद्ध नगर है, लेकिन जिले की जेवर विधान

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 06:13 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 06:13 PM (IST)
जेवर विधानसभा के पांच कस्बों में नहीं है कोई महाविद्यालय
जेवर विधानसभा के पांच कस्बों में नहीं है कोई महाविद्यालय

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : उत्तर प्रदेश का सबसे विकसित जिला गौतमबुद्ध नगर है, लेकिन जिले की जेवर विधानसभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा के पर्याप्त संसाधन न होने से यहां का युवा तकनीकी व गैर तकनीकी वर्ग मे उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहा है। जेवर, बिलासपुर, रबूपुरा, जहांगीरपुर, मंडी श्यामनगर क्षेत्र के गरीब छात्र-छात्राएं मेहनत से पढ़ाई कर बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेतें हैं, लेकिन स्नातक की शिक्षा हासिल करने के उन्हें सारे द्वार बंद दिखाई देते हैं। इन छात्रों का दुर्भाग्य ही है कि क्षेत्र में एक भी महाविद्यालय नहीं है। परिजन अपने बेटे-बेटियों को घर से 30-40 किलोमीटर दूर दादरी, बादलपुर व नोएडा में पढ़ने के लिए भेजने को तैयार नहीं होते। लिहाजा अधिकांश छात्र-छात्राओं को बीच में ही अपनी पढ़ाई बंद करनी पड़ती है।

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जेवर विधानसभा क्षेत्र में बिलासपुर, रबूपुरा, जहांगीरपुर व जेवर को नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त है। अब तक प्रदेश की किसी सरकार या क्षेत्रीय विधायक ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। हालांकि ग्रेटर नोएडा में निजी तकनीकी संस्थाओं का बोलबाला है, लेकिन क्षेत्र में सहायता प्राप्त और राजकीय महाविद्यालय न के बराबर है। महाविद्यालय न होने से ग्रामीण क्षेत्र के गरीब युवाओं को काफी परेशानी हो रही है। चुनाव आते ही डिग्री कालेज, पालिटेक्नीक कालेज, आईटीआई जैसे संस्थान खुलवाने के बड़े-बड़े वादे किए जाते है, लेकिन चुनाव के बाद सभी नेता व जनप्रतिनिधि जेवर विधानसभा क्षेत्र को ही भूल जाते हैं।

क्षेत्र के युवा आज भी एक सरकारी महाविद्यालय के लिए तरस रहे हैं। नवनिर्वाचित विधायक से युवाओं की पहली मांग है कि क्षेत्र में सरकारी महाविद्यालय निर्माण हो।

-कुलदीप

इंटर की परीक्षा के बाद स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई के लिए हर वर्ष सैकड़ों छात्रों को निराशा हाथ लगती है। निश्चित तौर पर इस क्षेत्र में कम से कम एक महाविद्यालय का निर्माण होना चाहिए।

-प्रदीप कुमार

जिले में निजी कालेज का बोलबाला है। ग्रामीण क्षेत्र के गरीब छात्र-छात्राओं के हित को देखते हुए इस समस्या का समाधान हो।

-हेमंत

डिग्री कालेज न होने के कारण उनकी बेटी को बारहवीं के बाद ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी। 30 किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए बेटी को भेजना परिवार वालों को मंजूर नहीं था।

-रंतीदेव, अभिभावक

शिक्षा के क्षेत्र में जेवर क्षेत्र अभी काफी पिछड़ा है। छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए डिग्री कालेज का निर्माण कराना उनकी प्राथमिकता है।

-ठाकुर धीरेंद्र ¨सह, विधायक, जेवर


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