भाजपा ने प. उप्र में जाट व गुर्जरों को साधने का किया प्रयास
धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा भाजपा की 149 प्रत्याशियों की पहली सूची में ज्यादातर पश्चिमी उत्तर प्
धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा
भाजपा की 149 प्रत्याशियों की पहली सूची में ज्यादातर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की विधान सभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जाति और धर्म के आधार पर भले वोट मांगने पर रोक लगा रखी है, लेकिन भाजपा ने भी जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और गुर्जरों की बड़ी संख्या को देखते हुए भाजपा ने इन दो बिरादरियों को साधने का प्रयास किया है। जाट बिरादरी से 11 व गुर्जर बिरादरी से छह को पार्टी का टिकट थमाया गया है। हालांकि, सपा और बसपा ने भी गुर्जरों को साधने का प्रयास किया है। सपा ने सात और बसपा ने छह गुर्जरों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकट दिए हैं। बसपा गाजियाबाद की साहिबाबाद से भी गुर्जर प्रत्याशी अनिल कसाना पर दाव लगा सकती है।
सोमवार को घोषित की गई पहली सूची में गौतमबुद्ध नगर की दादरी सीट से तेजपाल नागर, गाजियाबाद की लोनी सीट से नंदकिशोर गुर्जर, मुजफ्फनगर की मिरापुर से अवतार भड़ाना, दक्षिण मेरठ से सोमेंद्र तोमर, सहारनपुर देहात से मनोज चौधरी व सहारनपुर की गंगोह सीट से प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। ये सभी गुर्जर बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। कैराना विधानसभा सीट से सोमवार को प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया। जानकारों का कहना है कि कैराना से गुर्जर बिरादरी के अनिल चौहान को टिकट मिल सकता है। यदि ऐसा हुआ तो गुर्जर प्रत्याशियों की संख्या बढ़कर सात हो जाएगी। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की शामली, बड़ौत, बागपत, बुढ़ाना, मोदीनगर, गढमुक्तेश्वर, बुलंदशहर, छररा, सादोबाद, छाता व फतेहपुर सिकरी आदि 11 सीटों पर जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। बसपा ने भी दादरी से सतवीर गुर्जर, जेवर से वेदराम भाटी, किठौर से गजराज नागर, गढ़मुक्तेश्वर से प्रशांत चौधरी, नकुड़ से महीपाल व गंगोह से रवि को मैदान में उतारकर छह गुर्जरों पर दांव खेला है। सपा ने दादरी से र¨वद्र भाटी, जेवर से बेवन नागर, लोनी से ईश्वर मावी, सरधना से अतुल प्रधान, सहारनपुर व मांठ विधान सभा आदि सीट पर गुर्जर प्रत्याशियों पर दांव लगाकर बिरादरी के मतों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के बाद गुर्जर मतदाता बड़ी संख्या में हैं। इन बिरादरियों के मत हार-जीत में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। प्रदेश की तीन प्रमुख दलों ने इन जातियों के नेताओं पर दाव लगाया है। कांग्रेस के प्रत्याशी अभी घोषित होने बाकी है।