Move to Jagran APP

200 नेपाली विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के नए नियम से न

By Edited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 12:59 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 12:59 AM (IST)
200 नेपाली विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा

loksabha election banner

डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के नए नियम से नेपाल के 200 से अधिक विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल छाए हैं। विवि ने परीक्षा से पूर्व नेपाली विद्यार्थियों का पंजीकरण न करने का फैसला लिया है, जिससे विद्यार्थी सेमेस्टर परीक्षा से वंचित हो गए हैं। कॉलेज प्रबंधन भी इस निर्णय से हैरान हैं। ऐसे में उन्हें नेपाली विद्यार्थियों के गुस्से से दो-चार होना पड़ रहा है। नेपाली विद्यार्थियों का कहना है कि वे मामले में न्यायालय की शरण लेंगे।

विवि में अभी तक नेपाली विद्यार्थियों को बेरोक-टोक प्रवेश दिया जाता था। विवि से संबंधित प्रदेश के कॉलेजों में हजारों की संख्या में नेपाली विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जुलाई-अगस्त में कॉलेजों में हुई प्रवेश प्रक्रिया के दौरान 200 से अधिक विद्यार्थियों ने दाखिला लिया, लेकिन विवि प्रबंधन ने नेपाली विद्यार्थियों को प्रवेश देने संबंधी कोई शासनादेश जारी नहीं किया था। कॉलेजों ने पहले की तरह ही विद्यार्थियों को प्रवेश दिया था। कुछ दिन पूर्व विवि ने कॉलेजों को आदेश जारी किया कि इस सत्र में प्रवेश लेने वाले नेपाली विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। अंतिम समय में सुनाए गए फरमान से कॉलेज प्रबंधन हैरान हैं। मामले से सहमे ज्यादातर कॉलेजों ने अपने यहां पर प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को इस संबंध में सूचना नहीं दी है। उन्हें डर है नाराज विद्यार्थी बवाल कर सकते हैं।

नाम न छापने की शर्त पर एक कॉलेज के प्रबंधन ने बताया कि विवि ने मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय से बराबर (इक्विेलेंट) प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा था। मंत्रालय ने यह कहते हुए मना कर दिया कि प्रमाण पत्र एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी देगी। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी में फीस जमा कर प्रमाण पत्र लाया गया। अब विवि ने नेपाली विद्यार्थियों को परीक्षा देने से रोका है। इस संबंध में सोमवार शाम को कॉलेजों के संगठन टेक्निकल इंस्टीट्यूशन फाउंडेशन ने एआइसीटीई में मुलाकात की। नेपाली विद्यार्थियों का भविष्य खराब होने की बात को प्रमुखता से रखा। लगभग आधे घंटे की वार्ता के बाद भी कोई निर्णय नहीं निकल सका।

---------

विद्यार्थी नेपाल के हैं या बंग्लादेश के इसका कोई सबूत उनके पास नहीं है। ऐसे विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड, पासपोर्ट या वीजा भी नहीं होता। बिना पुख्ता सबूत के अभाव में कोई असामाजिक तत्व भी प्रवेश लेकर घटना कर सकता है। सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

-विनय कुमार पाठक, वीसी एकेटीयू।

----------

हम लोगों ने अपनी बात एआइसीटीई में रखी। उम्मीद थी कि विद्यार्थियों को परीक्षा देने दिया जाएगा। कोई बात नहीं बन सकी। इस सत्र में परीक्षा लेने वाले सभी विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित हो गए।

-अतुल जैन, महासचिव टेक्निकल इंस्टीट्यूशन फाउंडेशन।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.