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लापरवाही पड़ी भारी, 286 विद्यार्थियों का सेमेस्टर खराब

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा कक्षा में पहुंचकर पढ़ाई करने के बजाय इधर-उधर घूमने की सजा नॉलेज पार्क के

By Edited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 12:59 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 12:59 AM (IST)
लापरवाही पड़ी भारी, 286 विद्यार्थियों का सेमेस्टर खराब

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा

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कक्षा में पहुंचकर पढ़ाई करने के बजाय इधर-उधर घूमने की सजा नॉलेज पार्क के 286 विद्यार्थियों को मिली है। कक्षा में कम उपस्थिति से विद्यार्थियों के एक सेमेस्टर की मेहनत पर पानी फिर गया। कॉलेजों द्वारा भेजी गई सूची के आधार पर विवि ने ऐसे विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र रोके हैं। ऐसे में कम उपस्थिति वाले विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाएंगे। यही नहीं, उन्हें दोबारा से फीस जमा कर पढ़ाई करनी होगी।

डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक

विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की सेमेस्टर परीक्षा आज से शुरू हो रही हैं। विवि का नियम है कि सेमेस्टर परीक्षा के लिए कक्षा में विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 फीसद होनी चाहिए। जो विद्यार्थी बीमारी या अन्य किसी वाजिब कारण से कक्षा में अनुपस्थित रहते हैं कॉलेज प्रबंधन उन्हें 10 फीसद की छूट दे सकता है। फिर भी कॉलेज आने में विद्यार्थियों ने घोर लापरवाही बरती। काफी दिनों से गायब रहने वाले विद्यार्थियों को कॉलेजों ने फोन व ई-मेल के जरिए कॉलेज आने की सूचना भी भेजी थी, लेकिन विद्यार्थियों पर उसका कोई असर नहीं हुआ।

विद्यार्थियों के सेमेस्टर की पढ़ाई खराब होने व परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कॉलेजों ने काफी विद्यार्थियों को कक्षा में उनकी कम उपस्थिति के बाद भी राहत दी। इसमें ऐसे विद्यार्थी थे, जिनकी विवि के नियम (75 फीसद) के अनुरूप उपस्थिति पांच से दस फीसद तक ही कम थी। जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति का ग्राफ काफी खराब था, कॉलेजों ने उनकी सूची विवि को भेज दी थी।

क्या कहते हैं नियम

जिन विद्यार्थियों को परीक्षा देने से रोक दिया जाता है। उनमें पहले वर्ष के विद्यार्थियों को कैरी ओवर परीक्षा देने का अवसर मिलता है। दूसरे, तीसरे व चौथे वर्ष के विद्यार्थियों के सामने दो स्थितियां होती हैं। एक तो वह पूरी फीस जमा कर सेमेस्टर में नए सिरे से प्रवेश लें। ऐसे में उन्हें कक्षा करने का अवसर भी मिलता है। जबकि दूसरी स्थिति में विद्यार्थियों को केवल परीक्षा की फीस जमा करनी होती है, लेकिन वह कक्षा में नहीं आ सकते हैं। विद्यार्थियों को स्वयं से परीक्षा की तैयारी करनी होती है।

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एक नजर में आंकड़े

कॉलेज का नाम परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों की संख्या

स्काइ लाइन 20

एनआइईटी 64

जीएल बजाज 12

द्रोणाचार्य 0

गलगोटिया 70

जीएनआइओटी 26

मंगलमय 0

एक्यूरेट 0

आइआइएमटी 37

आइटीएस 24

आइईसी 33

यूनाइटेड 0


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