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जीएसटी के कुछ प्रावधानों में बदलाव की मांग

जागरण संवाददाता, नोएडा : वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) में अनरजिस्टर्ड सप्लायर्स से माल खरीदने पर उद्यम

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 08:46 PM (IST)
जीएसटी के कुछ प्रावधानों में बदलाव की मांग

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) में अनरजिस्टर्ड सप्लायर्स से माल खरीदने पर उद्यमी खुद से वैट जमा कराकर आइटीसी का लाभ ले लेते है। यदि हम किसी रजिस्टर्ड सप्लायर से माल खरीदते हैं और सप्लायर वैट जमा नहीं कराता है तो आइटीसी का लाभ नहीं मिलता है। उस पर टैक्स के बराबर पेनाल्टी लगाई जाती है। यह पूर्णत: गलत है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में ऐसे प्रावधान में बदलाव करना चाहिए। कोई सप्लायर टैक्स जमा नहीं करता है और क्रेता उससे क्रय किए गए माल के बारे में टैक्स इन्वॉइस व किए गए भुगतान के संबध में सबूत दे देता है तो उसे आइटीसी का लाभ मिलना चाहिए। उक्त व्यापारी पर कार्रवाई करके उससे ही टैक्स व जुर्माना वसूला जाना चाहिए। उद्यमियों न यह मांग वाणिज्यकर अधिकारियों से की है।

बुधवार को वाणिज्यकर विभाग और नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) के सहयोग से सेक्टर-छह स्थित एनईए सभागार में कार्यशाला हुई। इसमें वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर (एसआईबी) प्रदीप यादव संयुक्त आयुक्त (एसआईबी) राम प्रकाश पाडे, असिस्टेंट कमिश्नर (ऑडिट) नंदनी गोयल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इस मौके पर उद्यमियों को जीएसटी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही जीएसटी से जुड़े कई प्रश्नों का जबाव दिया और विशेषताओं से अवगत कराया। इस अवसर पर एनईए अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने जीएसटी लागू होने से उद्यमियों को होने वाली निम्नलिखित सुझाव साझआ किए, जिसमें बताया कि जीएसटी में भी वैट की तरह सेल्फ एसेसमेंट का प्रावधान है, लेकिन विभाग द्वारा वैट में शत-प्रतिशत एसेसमेंट किया जाता है। जीएसटी में इसे हटाना चाहिए। वैट में रिफंड लेना बहुत मुश्किल है। जीएसटी में रिफंड के लिए आयकर की तरह स्वत: एकाउंट में आना चाहिए। अनियमितता पाने पर व्यापारी को गिरफ्तार कर त्वरित कार्रवाई न हो। दस्तावेजों और संबंधित विषय की जांच कर व्यापारी का पक्ष सुनने के बाद ही कार्रवाई होनी चाहिए। यदि किसी क्रेता द्वारा वस्तु की कीमत का अग्रिम भुगतान किया जाता है। कर की देयता मान ली जाएगी। इसमें बदलाव होना चाहिए।

प्रदीप यादव ने कहा कि उद्यमियों से जो भी सुझाव आए हैं। उन्हें जीएसटी कमेटी के सामने शासन स्तर पर रखेगें। इस अवसर पर एनईए वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मवीर शर्मा, उपाध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव, मोहन सिंह, मोहम्मद इरशाद, सचिव कमल कुमार, हरीश जुनेजा, विनीत कत्याल, सह सचिव पीयूष मंगला, कोषाध्यक्ष एससी जैन, सह कोषाध्यक्ष नीरू शर्मा, एलबी सिंह, रवि संधूजा, सुधीर गोयल, विनीत गोयल, राजन खुराना, अजय सरीन, अतुल वर्मा, संदीप अग्रवाल, अनिल खन्ना, राहुल नय्यर, इन्दरपाल खाडपुर, आरके सूरी, अशोक गेरा, प्रकाश अग्रवाल, तमनजीत चड्डा, मनोज श्रीवास्तव, राजेश कुमार सिंगला और सतनारायण गोयल मौजूद थे।


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