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बिसाहड़ा कांड : बिसाहड़ा गांव में आज आ सकती हैं फॉरेंसिक टीम

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: इकलाख के घर से खून का नमूना लेने के लिए फॉरेंसिक टीम आज बिसाहड़ा गां

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 07:32 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 07:32 PM (IST)
बिसाहड़ा कांड : बिसाहड़ा गांव में आज आ सकती हैं फॉरेंसिक टीम

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:

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इकलाख के घर से खून का नमूना लेने के लिए फॉरेंसिक टीम आज बिसाहड़ा गांव आ सकती है। बृहस्पतिवार को गांव के लोगों में इसे लेकर विभिन्न चर्चा रहीं। टीम के आने पर गांव में एक बार फिर से मामला गर्म हो सकता है। मामले में फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट अहम भूमिका निभा सकती हैं। ग्रामीणों ने जिस स्थान पर पशु वध का दावा किया था, घटना के बाद से वह स्थान बंद पड़ा है।

उल्लेखनीय है कि मथुरा लैब की रिपोर्ट आने के बाद न्यायालय के आदेश पर इकलाख व उसके परिवार के छह लोगों के खिलाफ जारचा पुलिस ने गौ हत्या व पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। जिसके बाद से बिसाहड़ा का मामला दोबारा से गर्म हो गया। लेकिन फॉरेंसिक टीम ने उस स्थान से अभी तक नमूना नहीं लिया, जहां पर पशु का वध किया गया था। इकलाख पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद जांच टीम सतर्क हो गई हैं। जिस स्थान पर पशु का वध हुआ था, फॉरेंसिक टीम वहां की बारीकी से जांच करेगी। ग्रामीणों की मानें तो वहां से पशु के खून के निशान मिल सकते हैं। जांच के बाद टीम अपनी रिपोर्ट दे सकती है कि खून किस पशु का है। जिसमें अहम जानकारी सामने आ सकती है। दूसरी ओर मामले में कानूनी दांव पेच में दोनों पक्ष न्यायालय में मजबूत होना चाहते हैं। इकलाख पक्ष ने एडीजी लॉ एंड आर्डर के यहां पर अर्जी दे दी है कि मथुरा लैब की रिपोर्ट को स्वीकार न किया जाए। सूरजपाल की तरफ से भी हाईकोर्ट में केवीएट दाखिल किया गया है। ज्ञात हो कि बीते साल 28 सितंबर की रात बिसाहड़ा में गोहत्या की सूचना पर इकलाख की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और भीड़ ने उसके बेटे दानिश को पीटकर अधमरा कर दिया था। इस मामले में 18 आरोपियों को जेल भेजा गया था। जिसमें से दो नाबालिग आरोपियों की कोर्ट से जमानत हो चुकी है।

मामले को बीते दस माह हो चुके हैं। मानसून के दौरान पिछले एक माह में कई बार जोरदार बारिश हो चुकी है। ग्रामीणों ने जिस स्थान पर पशु का वध होने का दावा किया है, उस जगह की चारदीवारी तो है लेकिन छत नहीं है। वहां पर कई बार लोगों का आना जाना हुआ। ऐसे में फॉरेंसिक टीम को साक्ष्य मिलने की उम्मीद काफी कम है। इसके अलावा जिस प्रकार से मामले ने राजनीतिक रंग लिया हुआ है उसे देखते हुए घटना स्थल पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ होने का भी अंदेशा है। अगर फॉरेंसिक टीम ठोस साक्ष्य एकत्र करने में सफल होती है तो उसकी जांच रिपोर्ट बिसाहड़ा कांड की हकीकत सामने लाने में काफी अहम होगी।


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