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निर्यातकों पर आर्डर कैंसिल होने का संकट मंडराया

कुंदन तिवारी, नोएडा : यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा सहित एनसीआर के नि

By Edited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 11:23 PM (IST)
निर्यातकों पर आर्डर कैंसिल होने का संकट मंडराया

कुंदन तिवारी, नोएडा :

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यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा सहित एनसीआर के निर्यातकों को तगड़ा झटका लगा है। पाउंड की कीमत दस रुपये नीचे आ गई, जिससे निर्यातकों को दस फीसद का नुकसान उठाना पड़ा। निर्यात उद्योग में इससे हड़कंप मच गया है। निर्यातकों के ऊपर ब्रिटेन से मिले आर्डर कैंसिल होने का संकट भी मंडरा रहा है।

एनसीआर से करीब आठ हजार करोड़ रुपये का निर्यात (हैंडीक्राफ्ट औरकपड़ा) होता है। ऐसे में 800 करोड़ रुपये का नुकसान अभी हो चुका है।

निर्यातकों का कहना है कि यूरोप से कारोबार करने वाले निर्यातकों की नींद उड़ गई है, क्योंकि उन्हें आगामी समय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। यूरोपीय देशों में डॉलर, यूरो, पाउंड को लेकर अनिश्चितता का महौल साफ देखा जा सकता है। ऐसे में यह समझ में नहीं आ रहा है कि यूरोप में कैसे और किस मुद्रा में आगे कारोबार किया जाएगा।

निर्यातकों का यहां तक कहना है कि आने वाले समय में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पूरे यूरोपीय देश का निर्यात तय करेगी। वहीं, कुछ निर्यातकों का मानना है कि ब्रिटेन की ओर से पिछले दिनों जो आर्डर दिए गए थे उन्हें कैंसिल भी किया जा सकता है। चूंकि पहले यूरोपीय देशों

के 27 देशों के आधार पर आर्डर दिया गया था, लेकिन ब्रिटेन के अलग होने से अब आर्डर में सिर्फ उतना ही उत्पाद खरीदारों की ओर से लिया जाएगा, जितनी उसकी देश में खपत है। लिहाजा आर्डर में कटौती की संभावना प्रबल हो गई है।

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ब्रिटेन से हैंडीक्रॉफ्ट और कपड़ा निर्यात की स्थिति :

-ब्रिटेन में वर्ष 2015-16 में हैंडी क्रॉफ्ट कुल निर्यात 1700 करोड़ रुपये और कपड़ा निर्यात 11 हजार करोड़ रुपये का हुआ

-पाउंड की कीमत 100 रुपये से 90 रुपये होने पर हैंडीक्रॉफ्ट को कुल 170 करोड़ रुपये और कपड़ा निर्यातकों को 1100 करोड़ रुपये का विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ

-उत्तर प्रदेश से कुल 500 करोड़ रुपये का हैंडीक्रॉफ्ट कारोबार, जबकि तीन हजार करोड़ रुपये का कपड़ा निर्यात हुआ

-उत्तर प्रदेश को 50 करोड़ रुपये और 300 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान विदेशी मुद्रा का हुआ

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बेशक यह देश के निर्यातकों के लिए बड़ा झटका है। निर्यातकों को सीधे तौर पर 10 फीसद का नुकसान हो चुका है, क्योंकि यूरोपीय संघ से बाहर आते ही पाउंड 100 रुपये से 90 रुपये में आ गया है, जो निर्यातकों की कमर तोड़ने के लिए पर्याप्त है।

-राजेश जैन, उपाध्यक्ष, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट।

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ब्रिटेन के यूरोपियन संघ से बाहर होने से निर्यातकों पर आर्डर कैंसिल होने का खतरा है। अब केवल ब्रिटेन खपत के अनुकूल आर्डर ही अपने पास रखेगा। फ्री ट्रेड मार्केट का लाभ उसे नहीं मिलने वाला है।

-ललित ठुकराल, अध्यक्ष, नोएडा गारमेंट्स एक्सपोर्ट प्रमोशन क्लस्टर।

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जिस प्रकार से मुक्त होकर ब्रिटेन का उद्योग जगत यूरोप में काम कर रहा था। यह व्यवस्था अब पूरी तरह खत्म हो जाएगी। भारत से भी निर्यातक को लेकर अब उस प्रकार की स्थिति नहीं रहेगी जैसी पहले थी।

-डीडी तिवारी, निदेशक, मिथिला हैंडीक्राफ्ट।

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पाउंड में दस फीसद की गिरावट बड़ी चोट है। इससे जिन्होंने भी आर्डर ले लिया होगा या सप्लाई दी होगी उन्हें खासा नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

-इंद्रजीत सिंह, निर्यातक, पूर्णिमा इंटरनेशनल।


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