दूध में मिलावट: मौके पर नमूने जांचने का ट्रायल शुरू
धर्मेन्द्र मिश्रा, नोएडा: दूध में मिलावट करने वालों को सख्त सजा देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट
धर्मेन्द्र मिश्रा, नोएडा:
दूध में मिलावट करने वालों को सख्त सजा देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार साल पहले दायर की गई स्वामी अच्युतानंद की याचिका पर भले ही अभी अंतिम फैसला आना शेष है, लेकिन इन प्रयासों के असर से अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण(एफएसएसएआइ) ने दूध में मिलावट के खिलाफ पूरे देश में महाजंग का ट्रायल शुरू कर दिया है। इसके तहत शुक्रवार को पहले दिन गौतमबुद्ध नगर जिले में मौके पर दूध के 10 नमूनों की जांच कर ट्रायल की शुरुआत की गई। सफल होने पर देश के सभी जिलों में यह मशीन वितरित की जाएगी।
केन्द्र सरकार के सख्त निर्देश के बाद एफएसएसएआइ ने मौके पर ही दूध का नमूना लेकर जांच रिपोर्ट देने के लिए पूरे देश में छह ई-मैट मशीनें उपलब्ध कराई हैं। इनमें दिल्ली,, चंडीगढ़ व उत्तर प्रदेश का नाम शामिल है। प्रदेश में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर जनपद को यह मशीन दी गई है। शुक्रवार को सेक्टर 19 में मौके पर दूध के नमूने की जांच रिपोर्ट देने वाला यह प्रदेश का पहला जिला बन गया है।
दस में दो नमूने हुए फेल: अभियान के पहले दिन जांचे गए दस नमूनों में से दो नमूने फेल साबित हुए हैं। फेल नमूनों में वसा की मात्रा निर्धारित मानक से कम पाई गई है। शनिवार को ग्रेटर नोएडा के एल्फा सेक्टर में भी मौके पर ही दूध का नमूना लेकर जांच की जाएगी। इसमें स्वेच्छा से कोई व्यक्ति अपने घर में इस्तेमाल होने वाले दूध की भी जांच करवा सकता है।
ई-मैट से होती है यह जांच:
-दूध में मौजूद तत्वों की मात्रा निर्धारित मानकों के अनुरूप है या नहीं
-सोडा, यूरिया, कार्बोनेट व साल्ट की उपस्थिति
-दूध में वसा की मात्रा
-दूध की डेंसिटी (घनत्व)
-लैक्टोज की मात्रा
-दूध में पानी की मात्रा
-अन्य किसी भी तरह की मिलावट का पता लगाती है।
पांच मिनट में मशीन दे देती है रिपोर्ट:
यह मशीन उक्त सभी तत्वों की मौजूदगी व दूध में होने वाली किसी भी प्रकार की मिलावट की रिपोर्ट सिर्फ दो से पांच मिनट में दे देती है। पहले राजकीय प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने में महीनों का वक्त लग जाता था। ऐसे में मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती थी।
-ट्रायल सफल होने पर इस व्यवस्था को एफएसएसएआइ पूरे देश में लागू करेगा। अभी तीन प्रदेशों को ट्रायल के तौर पर यह मशीन दी गई है। गौतमबुद्ध नगर प्रदेश का पहला जिला है। इसमें कोई भी व्यक्ति दूध की जांच करवा सकता है।
-विनीत कुमार, जिला अभिहित अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद।
मैंने दूध में मिलावट करने वालों को अटेंप्ट टू मर्डर की धारा में शामिल करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकारों को नोटिस देकर सख्त कानून बनाने को कहा था। अमल न होने पर अवमानना भी दाखिल किया। अब इस पर अंतिम फैसला आना है। मौके पर जांच का प्रयास अच्छा है। त्वरित कार्रवाई भी होनी चाहिए।
-स्वामी अच्युतानंद, याचिकाकर्ता।
-एफएसएसएआइ ने सुप्रीम कोर्ट को मिलावट पर ठोस कदम के लिए आश्वासन दिया था। मौके पर जांच के साथ सजा देने की प्रक्रिया को तेज व सख्त करना चाहिए। अभी मिलावटखोरों पर कार्रवाई करने में लंबा वक्त लग जाता है।
-अनुराग तोमर, याचिकाकर्ता के वकील, सुप्रीम कोर्ट।