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बीटी कॉटन पर सफेद मक्खी के प्रकोप का देसी इलाज तैयार

अरुणेश, नोएडा कीट मुक्त बीटी कॉटन पर हुए सफेद मक्खी के प्रकोप से पंजाब और हरियाणा के किसानों के

By Edited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 07:40 PM (IST)
बीटी कॉटन पर सफेद मक्खी के प्रकोप का देसी इलाज तैयार

अरुणेश, नोएडा

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कीट मुक्त बीटी कॉटन पर हुए सफेद मक्खी के प्रकोप से पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ कृषि वैज्ञानिकों को कारगर उपाय नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसानों के लिए एक खुशखबरी यह है कि श्रीश्री रविशंकर ग्रामीण विकास ट्रस्ट के पदाधिकारियों को देसी तकनीक से तैयार किए गए कीटनाशक से सफेद मक्खी के प्रकोप पर ना केवल नियंत्रण करने में सफलता मिली है, बल्कि इससे प्रभावित हुए फसल पहले की स्थिति में आ गई है।

यह परीक्षण एनजीओ द्वारा हाल ही में पंजाब के बठिंडा जिले के दो गांवों तुंगवाली और सीनिया कपास की एक-एक एकड़ की बीटी कॉटन की सफेद मक्खी से प्रभावित हुए फसल पर किया गया है। परीक्षण के दौरान मिले उत्साहवर्धक परिणाम को देखते हुए अब इसका परीक्षण यहां के किसानों ने अपने स्तर पर कपास की पचास एकड़ फसल में शुरू कर दिया है। इस आशय का दावा सफल परीक्षण कर नोएडा लौटे श्री श्री रविशंकर के ग्रामीण विकास योजना ट्रस्ट के पदाधिकारी आर धवन और अनिल कपूर ने संयुक्त रूप से किया है।

परीक्षण के आधार पर संस्था ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के अनुसंधान निदेशालय से भी संपर्क कर इस परीक्षण को अपने विवि परिसर में करने का अनुरोध किया है। साथ ही उनके द्वारा किए जा रहे परीक्षण का मौके पर आकर निरीक्षण करने का भी अनुरोध किया है।

यहां बता दें कि कपास की फसल में एक दशक पूर्व हुए कीटों के प्रकोप को देखते हुए बीटी कॉटन की खेती करने की अनुमति हरियाणा और पंजाब के किसानों को दी गई थी। उस समय यह माना जा रहा था कि बीटी पर किसी कीट का प्रकोप नहीं हो पाएगा, लेकिन अचानक हुए सफेद मक्खी के प्रकोप ने कपास उत्पादक किसानों की नींद उड़ा दी है। यहां तक कि फसल लगते ही इस कीट के हमले को देखते हुए पंजाब और हरियाणा के कई क्षेत्रों में किसानों ने अभी से फसल को नष्ट करना शुरू कर दिया है।

1 व 2 जून को किया परीक्षण

देसी एन्जाइम का सफेद मक्खी से प्रभावित बीटी कॉटन की फसल पर प्रयोग 1 और 2 जून को किया गया। इस दौरान लगातार दो दिन तक देसी एन्जाइम का प्रभावित फसल पर किया गया। इसका परिणाम 15 जून को उस समय सामने आया जब इस फसल पर सफेद मक्खी ने आना बंद कर दिया और कपास का पत्ता फिर से हरा हो कर अपने मूल स्वरूप में आ गया।

सरकार मदद दे तो पचास हजार एकड़ के लिए देसी उपचार करने को तैयार

श्रीश्री रविशंकर ग्रामीण विकास योजना ट्रस्ट के आर धवन ने कहा है कि यदि पंजाब और हरियाणा सरकार मदद करे तो इन दोनों राज्यों के कपास उत्पादक किसानों को पचास हजार एकड़ की फसल के लिए कीटनाशक उपलब्ध कराने को तैयार हैं। साथ ही उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि वहां का कृषि विभाग इस मामले में किसानों की मदद करने की बजाए उन्हें प्रताड़ित करने में जुटा हुआ है।


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