पैसा फंसने की आशंका से कर्मचारियों में पीएफ निकालने की होड़
प्रभात उपाध्याय, नोएडा : केंद्र सरकार ने पीएफ (प्रोविडेंट फंड) का पैसा निकालने के नए नियमों पर भल
प्रभात उपाध्याय, नोएडा :
केंद्र सरकार ने पीएफ (प्रोविडेंट फंड) का पैसा निकालने के नए नियमों पर भले ही रोक लगा दी हो, पर पैसा फंसने की आशंका से कर्मचारियों में पीएफ निकालने की होड़ मच गई है। पीएफ कार्यालयों में पिछले माह पीएफ निकासी के लिए और महीनों की तुलना में लगभग दोगुने आवेदन आए हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने फरवरी में पीएफ निकासी के नियमों में बदलाव कर दिया था। इसके तहत यह व्यवस्था की गई थी कि कोई भी कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ का सिर्फ आधा पैसा निकाल सकेगा। बाकी आधा पैसा वह 58 साल की उम्र के बाद ही निकाल पाएगा। एक मई से प्रभावी होने वाले नए नियम से पहले कर्मचारियों में यह आशंका बैठ गई कि उनका पैसा फंस जाएगा। जिसके डर से उनमें पीएफ का पैसा निकालने की होड़ मच गई। नोएडा के क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय में नए नियमों से पहले जहां पीएफ निकासी के लिए हर माह 18-20 हजार आवेदन आते थे। वहीं अकेले अप्रैल में करीब अड़तीस हजार लोगों ने पीएफ का पैसा निकालने के लिए आवेदन किया। यही हाल दिल्ली, आगरा और मेरठ समेत अन्य कार्यालयों का है।
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अब नहीं लागू होंगे नए नियम :
पीएफ निकासी के नए नियमों को लेकर देशभर में मचे बवाल के बाद पहले केंद्र सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, शादी जैसे कार्यों के लिए पीएफ का पूरा पैसा एक साथ निकालने की छूट दे दी थी। सूत्रों का कहना है कि अब सरकार ने नए नियमों को वापस ले लिया है। यानी अब पीएफ निकासी की व्यवस्था पहले जैसी ही रहेगी और सारा पैसा एक साथ निकाला जा सकेगा।
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ऐसे बढ़ी आवेदकों की संख्या :
कार्यालय अन्य माह अप्रैल माह
नोएडा 18-20 हजार 37857
दिल्ली (नॉर्थ) 40-45 हजार 65000
मेरठ 11-12 हजार 16500
आगरा 2-3 हजार 4500
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कोट :
पीएफ निकासी के नए नियमों की घोषणा के बाद से ही लोगों में पैसा निकालने की होड़ मच गई। इसकी वजह से अप्रैल में आवेदकों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई।
- मनोज कुमार यादव, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, नोएडा