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मानक के अनुरूप न होने पर स्कूल बसों पर कार्रवाई का आदेश

जागरण संवाददाता, नोएडा : स्कूल में कांट्रेक्ट पर चलने वाली बसें लगातार सुप्रीम कोर्ट के नियमों का

By Edited By: Published: Thu, 05 May 2016 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 09:05 PM (IST)
मानक के अनुरूप न होने पर स्कूल बसों पर कार्रवाई का आदेश

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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स्कूल में कांट्रेक्ट पर चलने वाली बसें लगातार सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इसे लेकर अभिभावक लगातार जिलाधिकारी से शिकायत भी कर रहे हैं। आरोप है कि स्कूल बस बच्चों को स्कूल पहुंचाने के अलावा अवैध रूप से सवारी बैठाते हैं। इस मामले की जांच और बस चालकों पर सख्त कार्रवाई को लेकर सोमवार को ही सहायक परिवहन अधिकारी (प्रशासन) रचना यदुवंशी ने तीनों सहायक संभागीय अधिकारी (प्रवर्तन) राजेश सिंह, एसके सिंह, श्रीराम यादव को स्कूल बसों में मानकों की जांच का निर्देश दिया था।

उन्होंने कहा भी था कि जल्द ही मामले में कार्रवाई हो नहीं तो यह कहीं भारी न पड़ जाए। निर्देश जारी होने के तीन दिन बाद भी स्कूल बसों पर कार्रवाई नहीं की गई है।

स्कूल ट्रासपोर्ट के खिलाफ शिकायत लगातार अभिभावकों की ओर से जिलाधिकारी एनपी सिंह से की जा रही है। इस पर पिछले दिनों जिलाधिकारी ने भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी आधार पर प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है।

-रचना यदुवंशी, सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन), गौतमबुद्ध नगर।

हमने स्कूल बस की पूरी रिपोर्ट प्रवर्तन अधिकारी से तलब की है। यदि इसमें मानक पूरे नहीं हैं तो कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई कराई जाएगी।

-मयंक ज्योति, आरटीओ गाजियाबाद रेंज।

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सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन :

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल बसों के संचालन के लिए 14 बिन्दुओं की गाइडलाइन तैयार की थी। इन 14 बिदुओं की जाच होने के बाद ही स्कूल बस का संचालन शहर में किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार परिवहन विभाग को स्कूल बसों में गति नियंत्रक लगाने के लिए कार्रवाई करनी थी। गति नियंत्रक लगने के बाद एक ओर जहा स्कूली बच्चों के आवागमन सुरक्षित हो जाते, वहीं वाहन के माइलेज व लाइफ में भी बढ़ोतरी होती। बसों में यंत्र लगाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से आवश्यक कार्रवाई भी स्कूल बसों में करनी थी, लेकिन ऐसा कुछ भी शहर में लंबे समय से नहीं किया गया है।

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यह है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन

-स्कूली बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स की व्यवस्था करें।

-प्रत्येक बसों में फायर एक्सटिंग्युशर लगाएं।

-बसों के आगे-पीछे स्कूल बस अंकित हो।

-एजेंसी से अनुबंध पर ली गई बसों पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखें।

-स्कूल बसों में सीट क्षमता के अनुरूप ही छात्र को बैठाएं।

-प्रत्येक स्कूल बस में हॉरिजेंटल ग्रिल लगे।

-बसों पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर अवश्य लिखें।

-बसों के दरवाजे को अंदर से बंद करने की व्यवस्था करें।

-प्रत्येक बस चालक को कम से कम पाच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव हो।

-किसी भी ड्राइवर को रखने से पहले उसका सत्यापन कराना जरूरी है।

-बस चालक के अलावा एक और बस चालक साथ में होना जरूरी।

-चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई मामला हो।

-बसों में बैग रखने के लिए सीट के नीचे व्यवस्था होनी चाहिए।

-बसों में टीचर हो, जो बच्चों पर नजर रखे।


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