मंदी के भंवर में फंसता बाजार
कुंदन तिवारी, नोएडा: मंदी के भंवर में सीमेंट-सरिया का बाजार फंसता जा रहा है। सस्ता होने के बावजूद
कुंदन तिवारी, नोएडा:
मंदी के भंवर में सीमेंट-सरिया का बाजार फंसता जा रहा है। सस्ता होने के बावजूद यह कारोबार उठ नहीं पा रहा है। इस कारण सैकड़ों व्यापारियों का काम काज बंद हो चुका है। कई व्यापारी तो अब अपना कारोबार बदलने की जुगत लगा रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि सीमेंट, सरिया, रोड़ी, बदरपुर से जुड़ा पूरा व्यापार मौजूदा समय में 40 से 50 फीसद पर सिमट गया है। अब पूरा बाजार उधारी पर चल रहा है। एक माह का आश्वासन देकर बाजार से लोग माल उठा रहे हैं, लेकिन छह माह बाद भी भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। इससे लगातार इस उद्योग से जुड़े व्यापारियों की कमर टूट रही है। लाखों की पूंजी बाजार में फंसने के बाद अब व्यापारी इस कारोबार में पैसा लगाने को तैयार नहीं हैं। इससे यह कारोबार अब दम तोड़ने लगा है।
व्यापारियों का कहना है कि पिछले डेढ़ वर्ष में सैकड़ों व्यापारियों ने मंदी के चलते या तो अपना यह कारोबार बंद कर दिया है या बदलने की तैयारी में जुटे हैं। बाजार में लोहा 35 से 37 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। फिर भी बाजार में खरीदार नहीं है, सीमेंट कंपनियों ने पिछले दिनों 230 रुपए में सीमेंट की बोरियों की दर तय कर दी थी कि शायद बाजार में इससे उछाल आ जाए, लेकिन बाजार की गिरती स्थिति को देखकर उन्होंने भी उत्पादन कम कर दिया है और खर्चा निकालने के लिए दाम करीब 100 रुपए और बढ़ा दिए है। जिससे बाजार की हालत और अधिक खराब हो गई है। तीन माह पहले तक सीमेंट यमुना की तरफ से बदरपुर आ रही थी, लेकिन अब राजस्थान के कामा से यह माल आने से लागत दस हजार रुपए गाड़ी और बढ़ गई है और मुनाफा कम हो गया है। इससे इस कारोबार की पूरी तरह से हवा निकल गई है।
सामान की यह है स्थिति :
वर्ग पहले अब
ईट 5500 रुपए 4600 रुपए (प्रति हजार)
सरिया 42 रुपए 35 से 37 रुपए (प्रति किलो)
डस्ट 1100 रुपए 950 रुपए (प्रति टन)
बालू 15000 रुपए 13000 रुपए (प्रति हजार फिट)
सीमेंट प्रति बोरी की स्थिति:
कंपनी पहले अब
श्रीअल्ट्रा 230 रुपए 310 रुपए
बिरला 230 रुपए 310 रुपए
जेके 230 रुपए 310 रुपए
अंबुजा 235 रुपए 320 रुपए
अल्ट्राटेक 235 रुपए 320 रुपए
पहले 15000 बोरी सीमेंट बिक जाती थी, लेकिन अब बड़ी मुश्किल 7 हजार बोरी की बिक्री सिमट पर रह गई है। इसी प्रकार से सभी मैटेरियल की स्थिति है। ऐसे में जो कर्मचारी इसके लिए रखें है। मंदी के चलते होशियारपुर स्थित लोहे के कारोबार का पूरी तरह से बंद कर दिया है। अन्य आफिस भी बंद होने की कगार पर है।
-विवेक शर्मा, प्रोपराइटर, लक्ष्मी सीमेंट एजेंसी।
इस कारोबार से बहुत से लोग पिछले डेढ़ वर्ष में बर्बाद हो चुके हैं। मंदी के कारण बाजार में लोगों की उधारी फंस गई है। इससे बहुत से व्यापारी ने अपना कारोबार बदल दिया है, कुछ बदलने की तैयारी में जुटे हैं।
-नरेश कुच्छल, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल