Move to Jagran APP

हरनंदी के डूब क्षेत्र में फिर कटने लगीं अवैध कालोनियां

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : हरनंदी (¨हडन) के डूब क्षेत्र में कालोनाइजर फिर सक्रिय हो गए हैं।

By Edited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 07:40 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 07:40 PM (IST)
हरनंदी के डूब क्षेत्र में फिर कटने लगीं अवैध कालोनियां

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

loksabha election banner

हरनंदी (¨हडन) के डूब क्षेत्र में कालोनाइजर फिर सक्रिय हो गए हैं। हैबतपुर से लेकर मामनाथलपुर गांव तक बड़े पैमाने पर अवैध कालोनी काटी जा रही है। एक तरफ प्राधिकरण डूब क्षेत्र की जमीन को खरीद रहा है, वहीं दूसरी तरफ उस जमीन पर कालोनाइजर अवैध कालोनी बसाते जा रहे हैं। ज्यादातर ऐसे लोग अवैध कालोनियों में भूखंड खरीद रहे हैं, जो नौकरीपेशा है। वह नियमों से भी अनजान हैं। कई गांवों में प्राधिकरण खरीदी और अधिगृहीत जमीन पर कालोनी काट दी गई है। जगह-जगह जमीन पर चारदीवारी व मकान बनाए जा रहे हैं। अवैध निर्माण पर ¨सचाई विभाग कोई लगाम नहीं लगा पा रहा है। निर्माण की यही गति रही तो एक दिन हरनंदी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

हरनंदी का डूब क्षेत्र हजारों बीघा जमीन पर फैला है। हालांकि, दोनों तरफ सीमा तय करने के लिए बांध बने हुए हैं। कालोनाइजर बांध से रास्ता बनाकर डूब क्षेत्र की जमीन पर अवैध कालोनी बसाने में लगे हैं। जगह-जगह प्ला¨टग की जा रही है। कालोनाइजर किसानों से सस्ते में जमीन खरीदते हैं। इसके बाद छोटे-छोटे भूखंड बनाकर लोगों को बेच दिए जाते हैं।

डूब क्षेत्र में नहीं हो सकता पक्का निर्माण

हैरत की बात यह है कि डूब क्षेत्र की जमीन पर नियमानुसार पक्का निर्माण नहीं हो सकता। सिर्फ खेतों में लगने वाले ट्यूबवेल के लिए लोग अस्थाई निर्माण कर सकते हैं। रास्तों में भी खड़ंजा नहीं लगाया जा सकता। मकान बनाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। कोई निर्माण करता है तो उसे रोकने की जिम्मेदारी ¨सचाई विभाग की है। विभगीय अधिकारी आंख मूंदकर इस गोखधंधे को चुपचाप देखते रहते हैं। कालोनाइजर ऐसे लोगों को जाल में फंसाते हैं, जिन्हें डूब क्षेत्र की जमीन पर निर्माण के नियमों की जानकारी नहीं होती है।

नौकरीपेशा वालों को फंसाते हैं

दरअसल, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंडों की दरें आसमान छू रही हैं। आम लोगों की पहुंच से भूखंड खरीदना बाहर हो गया है। यहां लगी फैक्ट्रियों में लाखों की संख्या में लोग काम कर रहे हैं। उनका भी शहर में आशियाना बनाने का सपना है। महंगे होने की वजह से नौकरीपेशा सेक्टरों में भूखंड नहीं खरीद पाते हैं। मजबूरन वह अवैध कालोनियों की तरफ रुख कर लेते हैं। डूब क्षेत्र की ज्यादातर अवैध कालोनियों में नौकरीपेशा ही भूखंड खरीद रहे हैं।

प्राधिकरण की अधिगृहीत जमीन को भी नहीं छोड़ रहे

प्राधिकरण ने हैबतपुर, बिसरख, मामनाथलपुर आदि गांवों में किसानों ने बड़े पैमाने पर सीधे जमीन खरीदी है। हैबतपुर गांव में कुछ जमीन का अधिग्रहण भी किया है। किसान मुआवजा उठा चुके हैं। बावजूद इसके कालोनाइजर कालोनी काटने से बाज नहीं आ रहे हैं। वह प्राधिकरण की अधिगृहीत को भी नहीं छोड़ रहे हैं।

इन गांवों में भी काटी जा रही अवैध कालोनी

गढ़ी चौखंडी, जलपुरा, कुलेसरा, सुथ्याना, सफीपुर, तिलवाड़ा, घरबरा आदि गांवों में भी कालोनाइजर बड़े पैमाने पर सक्रिय है। इन गांवों में पूर्व में प्राधिकरण कई बार अभियान चलाकर अवैध कालोनियों को ध्वस्त कर चुका है। पिछले कुछ समय से कालोनाइजर फिर से सक्रिय हो गए हैं।

हरनंदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने के लिए प्राधिकरण शीघ्र ही जिला प्रशासन व ¨सचाई विभाग के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार करेगा। शीघ्र ही बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण को हटाया जाएगा। कालोनाइजरों के साथ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं लोगों से यहीं अपील करता हूं कि वह अवैध कालोनियों में भूखंड न खरीदें।

-रमा रमण, सीईओ व चेयरमैन, नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.