चोरों के बुलंद हौसले और पुलिस सुस्त
जागरण संवाददता, नोएडा : एक पुलिस लेकिन काम करने का तरीका दो। जी हां, हम गौतमबुद्धनगर पुलिस के बारे म
जागरण संवाददता, नोएडा : एक पुलिस लेकिन काम करने का तरीका दो। जी हां, हम गौतमबुद्धनगर पुलिस के बारे में ही बात कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में फिल्म अभिनेत्री सोनल चौहान के घर चोरी होने पर पूरा विभाग खुलासे में जुट गया था। सर्विलांस टीम से लेकर कोतवाली कासना पुलिस जांच में जुटी रही। एक सप्ताह में खुलासा भी हो गया लेकिन चोरी के दर्जनों मामले जिले में लंबित हैं। इनमें से एक सेक्टर 105 में रहने वाले मीडिया कर्मी का भी मामला है। जिसमें एक सप्ताह बाद भी पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। चोरी गए मोबाइल नंबर देने के बाद भी पुलिस की जांच एक कदम आगे नहीं बढ़ सकी है।
मीडियाकर्मी विनोद श्रीवास्तव सेक्टर 105 एचआइजी अपार्टमेंट पॉकेट ए के फ्लैट नंबर 12ए में रहते हैं। वह 25 जून को पत्नी और माता-पिता के साथ दुबई गए थे। 29 जून रात करीब डेढ़ बजे वह घर आए। यहां मेन गेट का दरवाजा खुला था और घर के अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा था। चोर यहां से नकदी समेत लाखों का माल चुराकर ले गए थे।
विनोद श्रीवास्तव ने कोतवाली सेक्टर 39 में चोरी का मामला दर्ज कराया। चोरी गए मोबाइल के बारे में पुलिस को बताया और डिटेल उपलब्ध करा दिया। फिर भी जांच में कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे न जाने कितने मामले लंबित हैं। पुलिस का सबसे खराब रवैया घरों में होने वाली चोरी को लेकर ही है। इसी का नतीजा है कि सेक्टर 26 में 80 लाख की चोरी समेत कई चोरी के मामलों का खुलासा नहीं हो सका है।
फिंगर प्रिंट लेने की होती है खानापूर्ति
पीड़ितों को संतुष्ट करने के लिए पुलिस घटनास्थल से तत्काल फिंगर प्रिंट ले लेती है। आज तक फिंगर प्रिंट के आधार पर एक भी चोरी का खुलासा नहीं हुआ। ऐसे में फिंगर प्रिंट लेना ही औचित्यहीन साबित होता जा रहा है।
कबाड़ी, नौकर और गार्ड पर शक
चोरियों में कबाड़ियों, नौकरों और सिक्योरिटी गार्डों का हाथ होने का शक लोगों को रहता है। हालांकि पुलिस की तरफ से उनसे ठीक से पूछताछ नहीं होती। इस कारण घटनाओं का खुलासा भी नहीं हो पाता है।
सोसाइटी में पहले भी हो चुकी है चोरी
विनोद की सोसाइटी में पहले भी चोरी हो चुकी है। चोरों ने सी ब्लॉक से लाखों का माल चोरी किया था। उस दौरान पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज किया था लेकिन चोरों का आज तक पता नहीं चल सका। इस कारण सोसाइटी में रहने वाले पुलिस से नाराज हैं।
'चोरों का पता लगाने का प्रयास हो रहा है। मोबाइल नंबर और मुखबिरी का भी सहारा लिया जा रहा है। पुलिस की कोशिश लगातार जारी है।
- दिनेश यादव, एसपी सिटी