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बकाया न देने पर कई बिल्डरों को नोटिस

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण ने भूखंडों की किस्त जमा न करने वाले बिल्डरों पर शिकं

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 09:11 PM (IST)
बकाया न देने पर कई बिल्डरों को नोटिस

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण ने भूखंडों की किस्त जमा न करने वाले बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बकाया भुगतान न करने पर एक दर्जन बिल्डरों को नोटिस जारी किया है। इन बिल्डरों पर प्राधिकरण का करीब 12 सौ करोड़ रुपया बकाया है। कई बार नोटिस देने के बाद भी बिल्डर समय पर किस्तों का भुगतान नहीं कर रहे थे। प्राधिकरण सीईओ संतोष यादव ने अब बकाया भुगतान न करने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। निर्धारित अवधि में किश्तों का भुगतान नहीं किया तो अतिरिक्त जुर्माना लगाने के साथ भूखंड आवंटन रद करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।

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दरअसल, यमुना प्राधिकरण 32 सौ करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा है। प्रति माह इसका 35 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में चुकाना पड़ रहा है। आवंटी समय पर किश्तों की अदायगी नहीं कर रहे हैं। इससे प्राधिकरण को हर ब्याज के साथ प्राधिकरण पर कर्ज और बढ़ता जा रहा है। आवंटियों ने शीघ्र किश्तों का भुगतान नहीं किया तो कर्ज और बढ़ जाएगा। इसका ब्याज और किश्त चुकाना भी प्राधिकरण के लिए मुश्किल हो जाएगा। वहीं प्रदेश सरकार ने किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने को हरी झंडी दे दी है। इस माह के अंत तक प्राधिकरण किसानों को मुआवजा बांटना शुरू कर देगा। इससे प्राधिकरण पर छह हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। प्राधिकरण के पास इस समय धन नहीं है। पहले से ही बड़ा कर्ज होने की वजह से बैंक प्राधिकरण को और कर्ज देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसे में प्राधिकरण के सामने जमीन का मुआवजा बांटने के लिए धन का संकट खड़ा हो गया है। बिल्डर और योजना के आवंटियों से बकाया किश्त वसूलने के अलावा प्राधिकरण के पास कोई चारा नहीं है। इसलिए प्राधिकरण ने अब बकाया वसूलने के लिए कड़ा रूख अपनाना शुरू कर दिया है। सबसे पहले बिल्डरों से बकाया वसूला जाएगा। इसके बाद अन्य योजना के आवंटियों को भी बकाया भुगतान के लिए नोटिस भेजे जाएंगे। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि आवंटियों को अब और रियायत नहीं दी जाएगी।


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